नेत्रदान की लहर को समाजसेवी संस्थाओं ने किया सुनामी में तबदील : विजय सांपला
मरणोपरांत नेत्रदान की प्रथा को समाज में स्थापित करने के लिए समाजसेवी संस्थाओं को बहुत संघर्ष करना पड़ा जिसके चलते आज इस लहर ने सुनामी का रूप धारण कर लिया है।
जेएनएन, होशियारपुर : मरणोपरांत नेत्रदान की प्रथा को समाज में स्थापित करने के लिए समाजसेवी संस्थाओं को बहुत संघर्ष करना पड़ा, जिसके चलते आज इस लहर ने सुनामी का रूप धारण कर लिया है। उपरोक्त शब्द पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने आज नेत्रदान के 35वें पखवाड़े पर नेत्रदान करवाने में लगी समाजसेवी संस्थाओं को सम्मानित करने के अवसर पर कहे।
विजय सांपला ने कहा कि बेशक इन संस्थाओं को सरकार की तरफ से जितना सहयोग मिलना चाहिए, उतना नहीं मिल पाया, पर इस सब के बावजूद संस्थाओं की लगन व मेहनत से लोगों में अब नेत्रदान के प्रति जागरूकता आई है। उन्होंने कहा कि जो पौधा इन संस्थाओं के सहयोग से वट वृक्ष बन चुका है, उस पौधे की देखभाल के लिए संस्था भारत गौरव अपना पूरा कर्तव्य निभाएगी।
इस अवसर पर आइ डोनेशन संस्था के प्रधान जेबी बहल ने कहा कि जनमानस के सहयोग के बिना यह कार्य संभव नहीं था और इस नेक कार्य को करने के लिए विजय सांपला ने जो योगदान देने का वादा किया है, इसके लिए संस्था सदैव उनकी आभारी रहेगी। इस अवसर पर प्रोफेसर जसवीर सिह, डॉ. कुलदीप गुप्ता, भारत गौरव महिला विग की प्रदेशाध्यक्ष नीति तलवाड़, किसान सेल के जिला उपाध्यक्ष भूपिदर सिंह मेंहदीपुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।