मनुष्य देह कर्म भूमि : सुग्रीवानंद जी महाराज
संवाद सहयोगी, दातारपुर पुराना तलवाड़ा बस स्टैंड स्थित श्री लक्ष्मी नरायण मंदिर सेक्टर-2 में भव्
संवाद सहयोगी, दातारपुर
पुराना तलवाड़ा बस स्टैंड स्थित श्री लक्ष्मी नरायण मंदिर सेक्टर-2 में भव्य आध्यात्मिक सम्मेलन श्री श्री 1008 वेदांताचार्य स्वामी सुग्रीवानंद महाराज की अगुआई में कराया गया। इस दौरान सुबह भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। इस दौरान सुबह श्री सुंदरकांड का पारायण गायन एवं कथा की गई। इसके बाद दोपहर को श्री श्री वेदांताचार्य 1008 स्वामी श्री सुग्रीवानंद जी महाराज ने प्रवचन किए।
उन्होंने बताया कि मनुष्य देह कर्म भूमि है। इसमें ईश्वर ने विवेक और बुद्धि दी है, जिसमे मनुष्य अध्यात्म पथ पर चलता है। मनुष्य का आकार सीधा है और आंखें देखने के लिए सामने रखी गई हैं, ताकि मनुष्य सीधे रास्ते चलकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति करे। वहीं दूसरी ओर पशु की आंखें उसके पैर की ओर होती है, उसके सोच विचार सभी अपने पेट की दृष्टि से होता है। इसी प्रकार जो मनुष्य अपने पेट की ओर देखता है और उसी को लेकर संसार के व्यवहार करता है, तो वह पशु तुल्य है।
उन्होंने कहा कि देह मलमूत्र की थैली है। मगर, इस देह को अगर एक साधन मान लिया जाए और उसके अंदर मिथ्या अभिमान त्यागकर लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर हों, तो यही देह सोने पर सुहागे का काम करता है।
इस अवसर पर कुलवंत चौधरी, सनातन धर्म सभा के महेश चोपड़ा, तिलक राज शर्मा, कृष्ण कुमार घई, राकेश मल्होत्रा, मुकेश पुरी, पवन पुरी, र¨वदर शर्मा, कुलवंत राणा कांति अग्रवाल, रमेश सभ्रवाल, दलजीत ¨सह आदि मौजूद थे।