धरती पर बढ़ता है पाप तो अवतार लेते हैं प्रभु
ब्रह्मलीन महंत राम प्रकाश दास जी की आठवीं और योगिराज बावा लाल दयाल जी की 363वीं पुण्यतिथि के अवसर पर महंत रमेश दास जी महाराज की अध्यक्षता में बावा लाल दयाल आश्रम रामपुर में चल रही भागवत कथा में आज श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : ब्रह्मलीन महंत राम प्रकाश दास जी की आठवीं और योगिराज बावा लाल दयाल जी की 363वीं पुण्यतिथि के अवसर पर महंत रमेश दास जी महाराज की अध्यक्षता में बावा लाल दयाल आश्रम रामपुर में चल रही भागवत कथा में आज श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
लीलावतार का प्राकट्य होते ही भक्त जमकर झूमे। भागवताचार्य स्वामी सुमित भारद्वाज ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। उन्होंने आज भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गए, पहरेदार सो गए। वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी यमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आए। स्वामी जी ने कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे। कथा व्यास ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्या को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है। भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लौट गया। उधर नंद बाबा के यहां बधाइयों का तांता लग गया। भारद्वाज ने कहा जब-जब भी धरती पर अत्याचार बढ़ता है, तब-तब भगवान पापियों के नाश के लिए और सत्पुरुषों के उद्धार के लिए धरती पर अवतरित होते हैं। इस अवसर पर समाजसेवक कुलदीप शर्मा, अजीत ¨सह, रविंद्र ¨सह, प्रियंका देवी, अजय शास्त्री, मास्टर अजीत ¨सह, चंद्र शेखर, शेर ¨सह, शक्ति ¨सह, रमेश लाल, दर्शन कुमारी, सुदेश कुमार, रत्न चंद, जुगल किशोर उपस्थित रहे।