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रेडक्रास ने जगाई उम्मीदों की किरण

मिनी काशी कहा जाने वाला जिला होशियारपुर में वैसे तो कई संस्थाएं जन कल्याण व जरूरतमंदों की मदद के लिए काम कर रही है। लेकिन इसमें यदि किसी संस्था का सबसे पहले नाम आता है तो वह है रेड क्रास सोसायटी होशियारपुर का। रेड क्रास सोसायटी दिन रात एक कर रही है ताकि हर उस व्यक्ति की मदद हो सके जो जरूरतमंद है। गरीबों की मदद के लिए सोसायटी अलग-अलग योजनाएं चला रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Jan 2022 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jan 2022 10:04 PM (IST)
रेडक्रास ने जगाई उम्मीदों की किरण
रेडक्रास ने जगाई उम्मीदों की किरण

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : मिनी काशी कहा जाने वाला जिला होशियारपुर में वैसे तो कई संस्थाएं जन कल्याण व जरूरतमंदों की मदद के लिए काम कर रही है। लेकिन इसमें यदि किसी संस्था का सबसे पहले नाम आता है तो वह है रेड क्रास सोसायटी होशियारपुर का। रेड क्रास सोसायटी दिन रात एक कर रही है ताकि हर उस व्यक्ति की मदद हो सके जो जरूरतमंद है। गरीबों की मदद के लिए सोसायटी अलग-अलग योजनाएं चला रही हैं। जिसमें सांझी रसोई, गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए स्कालरशिप योजना, गरीबों को मुफ्त डाक्टरी सहायता मुहैया करवाना और जरुरतमंदों के लिए आपरेशन की व्यवस्था करना है। यह कार्य लगातार जारी हैं और डीसी होशियारपुर खुद इन कार्यो की देखरेख करती हैं, ताकि कहीं कोई कमी न रह जाए। सोसायटी के सचिव नरेश गुप्ता ने बताया कि सोसायटी के काम में शहर के कुछ दानी सज्जन भरपूर मदद कर रहे हैं। जिसमें समाजसेवी प्यारा लाल सैनी का काम अग्रिम पंक्ति में आता है। जरुरतमंद व दिव्यांगों के लिए चला रही फिजियोथैरेपी सेंटर

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डीसी ने बताया कि जिला रेडक्रास सोसायटी की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में जरूरतमंद व दिव्यांगों की सहायता के लिए फिजियोथैरेपी सेंटर चलाया जा रहा है। एंबुलेंस सेवा व दो होम्योपैथिक डिस्पेंसरी भी काम कर रही हैं। समाजसेवी प्यारे लाल सैनी द्वारा सोसायटी की ओर से पीएल सैनी रेडक्रास फंड फार पुअर पेशेंट आफ किडनी फेलिअर नाम की योजना 2016 से चलाई गई थी। इस योजना के अंतर्गत मरीजों को कम मूल्य पर डायलिसिस सेवा उपलब्ध करवाए जा चुके हैं, जिसपर करीब 46 लाख 68 हजार 750 रुपये खर्च किए गए। बच्चों को दिए जा रहे वजीफे

18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के इलाज के लिए दस हजार तक की सहायता मुहैया करवाई जाती है, जिसमें सोसायटी की ओर से दो हजार तक की दवाइयां भी दी जाती हैं। इसी तरह 275 विद्यार्थियों को पांच हजार प्रति विद्यार्थी सहायता सीधे दस कालेजों के खातों में मुहैया करवाई जा रही है। इसके अलावा सरकारी स्कूलों के 10वीं व 12वीं मेडिकल व नान-मेडिकल स्ट्रीम में पहले तीन स्थानों पर रहने वाले लड़के व तीन लड़कियों को हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर नकद राशि सहित पुरस्कार वितरित किए जा रहे हैं। सांझी रसोई में मिलता है दस रुपये में भर पेट खाना

सोसायटी की ओर से सांझी रसोई को सुचारू ढंग से चलाया जा रहा है। रोजाना केवल दस रुपये में पौष्टिक भोजन मुहैया करवाया जा रहा है। इसके अलावा बाल वाटिका (क्रैच सेंटर) व पांच वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर (कंप्यूटर, टाइपिंग-शार्ट हैंड, सिलाई-कढ़ाई, फैशन डिजाइनिंग व ब्यूटी पार्लर) भी चलाए जा रहे हैं। बेसहारा बुजुर्गों को पांच हजार तक की राशन सामग्री, दवाइयां व कपड़ों आदि की सहायता प्रदान की जा रही है।


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