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जल्द आने का वादा कर तिरंगेे में लिपटकर पहुंचा राजौरी में शहीद मां का लाल

शहीद सुखविंदर सिंह का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ घर पहुंचा। पार्थिव शरीर देखकर मां व परिवार के लोग फफक फफक कर रो पड़े।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 01:30 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 08:55 AM (IST)
जल्द आने का वादा कर तिरंगेे में लिपटकर पहुंचा राजौरी में शहीद मां का लाल
जल्द आने का वादा कर तिरंगेे में लिपटकर पहुंचा राजौरी में शहीद मां का लाल

जेएनएन, तलवाड़ा (होशियारपुर)। घर से भारत-पाक बॉर्डर पर देश की सुरक्षा के लिए जाते समय सुखविंदर सिंह कहकर गए थे कि वह जल्द ही लौटेंगे, लेकिन आज सुखविंदर सिंह का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ घर पहुंचा। सुखविंदर देश की रक्षा करते हुए अपनी मां रानी देवी और बड़े भाई गुरपाल सिंह को हमेशा के लिए रोता-बिलखता छोड़ गया है। युवाओं में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से के साथ-साथ शहादत पर गर्व है। शहीद का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ गांव फतेहपुर के श्मशान घाट में किया गया। 

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सोमवार को जम्मू के राजौरी में ड्यूटी के दौरान पाकिस्तानी की तरफ की गई गोलाबारी का डटकर जबाव देते हुए भारतीय सेना के दो जाबांज सैनिक शहीद हो गए थे। उनमें से एक जिला होशियारपुर के ब्लॉक तलवाड़ा के अंतर्गत पड़ते करीबी गांव फतेहपुर का जवान सुखविंदर सिंह भी शामिल था। पिछले माह ही सुखविंदर किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए घर आया था, ड्यूटी पर वापस जाते समय उसने कहा था कि वह जल्द ही फिर वापस लौटकर आएगा, मगर उन्हें क्या पता था कि अब खुद नहीं बल्कि ताबूत में लिपटा उसका पार्थिव शरीर आएगा। मां रानी देवी व बड़े भाई गुरपाल सिंह के आंसू नहीं थम रहे थे। पाक की नापाक हरकतों से गांववासियों में खासा आक्रोश था।

शहीद के गांव वाले भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे लगाती हुए।

कंडी क्षेत्र के ब्लॉक तलवाड़ा के अंतर्गत पड़ते गांव फतेहपुर का शहीद सुखविंदर सिंह (21) ने सरकारी हाई स्कूल फतेहपुर में से 10वीं पास की थी। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़के) सेक्टर-एक तलवाड़ा से 12वीं पास की। खुद की कड़ी मेहनत करके ही भारतीय सेना में वर्ष 2017 सेना में भर्ती हो गए थे। शहीद के पिता अभिनेश कुमार पंजाब राज्य बिजली बोर्ड में एएलएल के पद पर आसीन थे। पिता की भी मृत्यु वर्ष 2007 में हो गईं थी। उनकी माता रानी देवी ने बड़ी मुश्किल से पालन-पोषण करके बड़ा किया था। माता रानी देवी गृहणी हैं, जबकि बड़ा भाई गुरपाल सिंह बेरोजगार है।

पाक को सबक सिखाना जरूरी है, पर सरकारें चुप

शहीद के गांव में मातम पसरा है। पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में खूब गुस्सा है। वहां पर मौजूद नंबरदार रजिंदर सिंह ने कहा कि पाक की घिनौनी हरकत ने उनके लाडले को हमेशा के लिए छीन लिया। पाक को सबक सिखाना बहुत जरूरी है, पर सरकारें न जाने क्यों चुप रहती हैं। न जाने कितने जवान ऐसे ही शहादत का जाम पीते रहेंगे। शहीद सुखविंदर सिंह की माता और बड़े भाई समेत पूरे गांव को यह बड़ा झटका लगा है। देश सुखविंदर को हमेशा याद रखेगा।

फोन पर शहादत की सूचना मिली तो फट गया कलेजा

शहीद सुखविंदर सिंह के चाचा स्वर्ण सिंह ने बताया कि सोमवार रात बारह बजे उन्हें मोबाइल फोन पर सूचना मिली कि सुख¨वदर सिंह ने शहादत का जाम पी लिया है। यह सुनकर उनका कलेजा फट गया। फिर सारी रात उन्हें नींद नहीं आई। भाभी रानी देवी को इस दुख भरी खबर की जानकारी देने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।

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