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लाकडाउन के बाद अभी तक रेल सेवा नहीं हो सकी अनलाक

पंजाब-हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाला उत्तर रेलवे का 115 वर्ष पुराना होशियारपुर रेलवे स्टेशन कभी एकमात्र होता था। अगर किसी को हिमाचल प्रदेश जाना होता था तो उसे रेल के रास्ते यहां आना होता था। मगर कोरोना वायरस के चलते मार्च 2020 को बंद हुई रेल सेवा बहाल नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 06:28 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 06:45 AM (IST)
लाकडाउन के बाद अभी तक रेल सेवा नहीं हो सकी अनलाक
लाकडाउन के बाद अभी तक रेल सेवा नहीं हो सकी अनलाक

सतीश कुमार, होशियारपुर

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पंजाब-हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाला उत्तर रेलवे का 115 वर्ष पुराना होशियारपुर रेलवे स्टेशन कभी एकमात्र होता था। अगर किसी को हिमाचल प्रदेश जाना होता था तो उसे रेल के रास्ते यहां आना होता था। मगर, कोरोना वायरस के चलते मार्च 2020 को बंद हुई रेल सेवा बहाल नहीं हो पाई है। इसके चलते होशियारपुर के रेल यात्रियों को बहुत ही मायूसी का सामना करना पड़ रहा है। अगर किसी को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है तो वह है डेली पैसेंजर। रेल सेवा बंद होने का क्या कारण है इसका होशियारपुर के किसी भी रेल अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं है। दैनिक जागरण ने मौका-ए-मुआयना कर रेलवे स्टेशन पर कुछ यात्रियों से बात की तो उन्होंने कुछ इस प्रकार अपनी परेशानियों को जाहिर किया।

टिकट बुकिग यहां और गाड़ी जालंधर से

होशियारपुर से टिकट बुक करवा रहे संजय वासी मुजफ्फरपुर (बिहार) ने बताया कि 20 वर्ष से यहां रह रहे हैं और जब भी वह मुजफ्फरपुर के लिए टिकट बुक करवाते थे तो होशियारपुर से ही रेल के रास्ते जालंधर पहुंच जाते थे। वहीं से आगे के लिए गाड़ी मिल जाती थी। मगर, अब बस का किराया खर्च करके जालंधर बस स्टैंड पहुंचना पड़ा रहा है। इसके बाद रिक्शा लेकर रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है, फिर गाड़ी का इंतजार करने में समय खराब होता है।

समस्तीपुर के लिए बुकिग करवाई

होशियारपुर से समस्तीपुर (बिहार) जा रहे लाल बाबू ने बताया कि वह हमेशा परिवार को साथ लेकर ही गांव जाते हैं। लेकिन, होशियारपुर से जालंधर के लिए कोई भी गाड़ी नहीं जाने के कारण बस का किराया अधिक होने पर इस बार अकेले ही गांव जा रहे हैं। अब फगवाड़ा से गाड़ी पकड़नी पड़ेगी।

प्रतिदिन 120 रुपये खर्च कर जाना पड़ता है जालंधर

रोजाना जालंधर ड्यूटी करने जाते कामेश्वर ने बताया, जंगलात विभाग में माली का काम करते हैं। पहले ड्यूटी होशियारपुर में ही थी। मगर, पिछले चार पांच वर्ष से तबादला जालंधर में हो गया था। डेढ़ वर्ष से रेल बंद होने पर दो तीन महीने जालंधर ही रहे। इसके बाद परिवार के पास आ गए। अब रोजाना 55 से 60 रुपये खर्च करके जालंधर जाना प़ड़ता है और इतने ही पैसे खर्च करके वापस आना। जब भी किसी रेल अधिकारी से पूछते हैं कि होशियारपुर-जालंधर रेल सेवा कब शुरू होगी तो एक ही जवाब मिलता है फिरोजपुर डिविजन ने पूरे इलाके में रेल सेवा शुरू कर दी है पर होशियारपुर रेल सेवा क्यों बंद है यह पता नहीं चल पाया।

महामारी से पहले इन स्टेशनों तक जाती थी रेल

कोरोना वायरस से पहले दिल्ली के लिए सीधी होशियारपुर एक्सप्रेस रेल जाती थी। इसके अतरिक्त फिरोजपुर, अमृतसर के लिए भी रेल सेवा थी। यहीं नहीं होशियारपुर-जालंधर के बीच एक दिन में कम से कम दस रेल गाड़ियां आती जाती थी। पता चला है कि कुछ समय पहले होशियारपुर से मथुरा वृंदावन के लिए भी रेल सेवा शुरू होने जा रही थी लेकिन होशियारपुर से जालंधर रेल ही बंद है तो दूसरी सेवा कब शुरू होगी के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।

बंद गाड़ियों की सीबीआइ जांच की मांग

डेली पैसेंजर राकेश, बंटी, विनोद मनप्रीत सिंह और जोरावर फतेह सिंह ने फोटो नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि रेल सेवा को बंद करने के पीछे का कारण प्राइवेट बस चालकों को लाभ पहुंचाना है क्योंकि रेलवे का कहना है कि कोरोना काल के चलते रेल सेवा बंद की है तो क्या बस में सफर से कोरोना नहीं फैलता? रेलवे विभाग से पास सफाई के लिए ज्यादा स्टाफ है, तो फिर रेल सेवा बंद क्यों की है। इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए।

बढ़ते मामलों को लेकर बंद की रेल : सेक्शन इंजीनियर

सेक्शन इंजीनियर राजेश कुमार फिरोजपुर डिविजन से बात करने पर उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले होशियारपुर और जालंधर में बढ़ने के कारण रेल सेवा बंद की है। हालात सामान्य होते ही रेल सेवा बहाल कर दी जाएगी।


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