टिकट नहीं मिलने से नाराज वार्ड 34 से पूर्व पार्षद संजीव आजाद लड़ेंगे चुनाव
भाजपा ने जैसे ही पिटारे से टिकटें निकाली तो बगावत होनी शुरू हो गई। क्योंकि नगर निगम चुनाव में कुछ उन नेताओं के नाम पर कैंची चल पड़ी जिनकी उम्मीद ही नहीं थी। अब टिकट से हाथ धो चुके प्रत्याशियों ने बागी सुर तेज कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : भाजपा ने जैसे ही पिटारे से टिकटें निकाली, तो बगावत होनी शुरू हो गई। क्योंकि, नगर निगम चुनाव में कुछ उन नेताओं के नाम पर कैंची चल पड़ी जिनकी उम्मीद ही नहीं थी। अब टिकट से हाथ धो चुके प्रत्याशियों ने बागी सुर तेज कर दिए हैं। इसके चलते वार्ड 34 से छह बार पार्षद रहे टिकट के दावेदार संजीव दुआ की दुआ जब पार्टी ने कबूल नहीं की और टिकट काट दी, तो उन्होंने रविवार को आजाद चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इससे पहले वार्ड महिला आरक्षित था तब उनकी पत्नी पार्षद थीं और उससे भी पहले वार्ड के संजीव दुआ पार्षद थे। हालांकि, इस दौरान उन्होंने पार्टी को अलविदा नहीं किया और यह भी बात रखी दी कि यदि वह जीतते हैं तो सीट भाजपा के हक में ही जाएगी। इसके पीछे का कारण उन्होंने परिवार का सात दशक से जनसंघ के साथ जुड़े रहना बताया। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के पक्के वफादार हैं और पार्टी उनके मन से कभी निकल नहीं सकती। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी काम पूरी तनदेही से किए हैं और वार्ड वासियों के कल्याण के लिए समर्पित रहे हैं। दुआ ने कहा, हमेशा पार्टी के एक वफादार सिपाही की तरह संघर्ष करते रहे हैं और पार्टी को स्थापित करने में हमारे बुजुर्गों के योगदान के बारे में सभी जानते हैं। उनके साथ पूर्व पार्षद एडवोकेट दविदर दुआ और इलाके के गणमान्य उपस्थित थे।
आउटर पर विश्वास कैसे कर सकती पार्टी
संजीव दुआ ने कहा कि 10 वर्ष में लगातार दो बार क्षेत्र के लोगों ने सेवा करने का मौका दिया है। दो बार पार्टी की झोली में उन्होंने सीट डाली है, लेकिन फिर भी इस बार टिकट पर कैंची क्यों चली यह समझ से परे है। जो टिकट पर मैदान में उतारे हैं वह आउटर इलाके से हैं। इन्हें वार्ड की भूगौलिक स्थिति तक नहीं पता है। वार्ड में लंबे समय से लंबित समस्याओं को हल करने के लिए लोगों की मांग के अनुसार विकास कार्यों को अंजाम दिया और जब भी किसी वार्ड वासी को किसी समस्या का सामना करना पड़ा, तो प्राथमिकता के आधार पर काम करना जारी रखा।
काम पर मांगूगा वोट
दुआ ने कहा कि पार्टी के हक में हमेशा था, रहूंगा। लोगों के कहने पर आजाद चुनाव लड़ रहे हैं। जो काम किए हैं वह उन्हीं को लेकर जनता के पास जाएंगे और वोट मांगेंगे। दुआ ने कहा कि उन्होंने पूरी लगन और निष्ठापूर्वक काम किया और पार्टी ने हमें जो भी जिम्मेदारी दी वह पूरी तरह से निभाई। अब अचानक बिना किसी कारण पार्टी ने परिवार द्वारा प्रदान की गई सेवा को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। कुछ लोगों के व्यक्तिगत हित हमें टिकट देने के आड़े आए हो सकते हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जो परिवार 70 साल से आरएसएस और भाजपा से जुड़कर जनता की सेवा कर रहा है, उसे कैसे ऐसे दरकिनार किया जा सकता है।
पार्टी को समर्पित हैं दुआ : निपुण शर्मा
इस संबंध में भाजपा के जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा ने कहा कि टिकट का फैसला हाईकमान का है। दुआ पार्टी को समर्पित हैं, वह कुछ ऐसा नहीं करेंगे जो पार्टी के हित में न हो। उन्हें पूरी आस है कि वह कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे भाजपा को काफी नुकसान हो।