अनसुलझे ब्लाइंड मर्डर, कातिलों तक नहीं पहुंच रहे कानून के लंबे हाथ
होशियारपुर, एक सप्ताह के भीतर दसूहा के गांव बेरछा की हरजिदंर कौर की हत्या, उसके बाद हाजीपुर के गांव कुल्लियां लुबाना में सतीश कुमार की हत्या ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
हजारी लाल, होशियारपुर
एक सप्ताह के भीतर दसूहा के गांव बेरछा की हरजिंदर कौर की हत्या व उसके बाद हाजीपुर के गांव कुल्लियां लुबाना में सतीश कुमार की हत्या ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दोनों ही मामले लूट नहीं बल्कि हत्या के हैं। आलम यह है कि हत्या की पुरानी वारदातों से पर्दा नहीं उठ पाता है और हत्यारे नई वारदात को अंजाम दे देते हैं। बता दें कि सोमवार को गांव बेरछा से बोदल दुकान पर काम करने गई हर¨जदर कौर की हत्या कर दी गई थी। हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड में उसके पति समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन कहानी कुछ और ही लगती है। इस घटना की गुत्थी अभी पूरी तरह से सुलझी नहीं थी कि वीरवार रात को हाजीपुर के गांव कुल्लियां लुबाना में पंचायत घर में सो रहे मीट की दुकान करने वाले सतीश कुमार की तेजधार हथियारों से निर्मम हत्या कर दी गई। इससे पुलिस की मुश्किलें और बढ़ गई। इसी सप्ताह में मुकेरियां के गांव खिच्चियां में लूट की नीयत से लुटेरों ने बुजुर्ग बचित्तर ¨सह की हत्या कर दी थी। ये सभी मामले अभी पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं।
उक्त वारदातों के साथ-साथ पुलिस के लिए पुराने ब्लाइंड मर्डर भी गले की फांस बने हुए हैं। क्योंकि पिछले कई वर्षो से कुछ चर्चित वारदातें फाइलों में दबकर रह गई हैं। एसएसपी आते और जाते रहे, लेकिन कातिलों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचे। मौत के घाट उतारे गए लोगों के परिजन थानों से लेकर पुलिस अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट कर अपने जूते घिसा चुके हैं, परंतु उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया है। खाकी के करिश्मा न दिखाने से पीड़ित परिवारों के चेहरे पर मायूसी भी दिखती है।
गौरतलब है कि हत्या की लगभग दर्जन भर वारदातें अनसुलझी हैं। कानून के हाथ कातिलों तक नहीं पहुंचे हैं। बात करने पर पुलिस अधिकारियों की तरफ से बस यही रटारटाया जवाब मिलता है कि जांच की जा रही है। फाइलें मोटी जरूर होती जा रही हैं, मगर गुनाहगार सलाखों में जाने से बचे हुए हैं। कई केसों में पुलिस को कातिलों तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं मिल रहा है। लंबी होती लिस्ट को देख कर तो यही आभास होता है कि न जादुई छड़ी मिलेगी और न बात बनेगी।
उधर, एसएसपी जे इलनचेलियन ने कहा है कि हाल में हुई वारदातों की तफ्तीश के लिए टीमें गठित की गई हैं। उम्मीद है कि जल्द ही हत्या के मामलों की गुत्थियां सुलझ जाएंगी। पुरानी वारदातों की भी गुत्थियां सुलझाने के लिए पुलिस गंभीर है।
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रहस्य बनीं जिलें की कुछ चर्चित वारदातें
-गांव सैंचा में 22 अगस्त, 07 को डांसरों की केयर टेकर बल¨वदर कौर निवासी जालंधर की हत्या कर दी गई थी। आज तक उसके कातिलों का पता नहीं चल सका।
-गांव मंडियाला में 19 जून, 08 को घर के बाहर सोए युवक मनोहर ¨सह की बेरहमी से की गई हत्या पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है।
-30 अक्टूबर, 09 को जहानखेलां के पास से एक अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ था। हत्यारों के सुराग की तो बात दूर अभी तक उसकी शिनाख्त ही नहीं हो पाई है।
-गांव चक्क साधु के पास 30 दिसंबर, 09 को एक युवक का शव बरामद होने से सनसनी फैल गई थी। हत्यारों ने गला रेत कर उसे मौत के घाट उतारा था। युवक की पहचान नहीं हो पाई है। यह भी ब्लाइंड मर्डर पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है।
-02 दिसंबर, 09 को कस्बा नसराला के समीप झाड़ियों से जली हुई लाश मिली थी। बाद में शव की शिनाख्त रमनदीप कौर निवासी जालंधर के रूप में हुई थी। इस मामले में भी कोई सुराग नहीं मिला।
-27 दिसंबर, 09 को दीप नगर में कबाड़ी वीरेन्द्र प्रसाद को दौड़ा-दौड़ाकर काट डाला। उसकी दुकान से नकदी लूट कर लुटेरे सरेआम फरार हो गए। यह मामला भी पुलिस की फाइलों में दबकर रह गया।
-9 सितंबर, 10 को अनमोल नगर में आशा राणा नामक महिला की घर में घुसकर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई। लाख दावों के बावजूद कोई सुराग नहीं मिल पाया कि आशा राणा के हत्यारे कौन थे।
-7 अप्रैल, 11 को दलजीत कौर निवासी हरियाना की घर में दिनदहाड़े निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। हत्यारों का सुराग नहीं लगा।
-24 सितंबर, 2016 को भगत नगर निवासी बल¨वदर पप्पी की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की भी पुलिस गुत्थी सुलझाने में फेल साबित हुई।
-जुलाई 2017 गो¨वद नगर में मासूम बच्चे दीपक कुमार उर्फ दीपू व मदन लाल की हत्या कर दी गई। यह हत्याकांड भी सुलझ नहीं पाया है।