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बड़े शराब तस्करों पर पुलिस का आशीर्वाद, ठेकेदारों के कारोबार पर ग्रहण, राज्य सरकार को भी चूना

शराब तस्करों पर शिकंजा कसने का राग अलापने वाली पुलिस की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। अंदर की बात यह है कि शराब के बड़े तस्करों पर पुलिस का आशीर्वाद है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 01:09 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 01:09 AM (IST)
बड़े शराब तस्करों पर पुलिस का आशीर्वाद, ठेकेदारों के कारोबार पर ग्रहण, राज्य सरकार को भी चूना

हजारी लाल, होशियारपुर

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शराब तस्करों पर शिकंजा कसने का राग अलापने वाली पुलिस की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। अंदर की बात यह है कि शराब के बड़े तस्करों पर पुलिस का आशीर्वाद है। इसीलिए शराब ठेकेदारों के कारोबार पर ग्रहण लगता जा रहा है। क्योंकि पुलिस पकड़ी जाने वाली अवैध शराब के मामले में मगरमच्छर तस्करों तक पहुंचती ही नहीं है। सिर्फ पर्चा दर्ज करके जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ली जाती है। पिछले तीन माह के भीतर होशियारपुर के आसपास छह ट्रक अवैध शराब पकड़ी गई है। मगर, पुलिस ने असली तस्करों तक पहुंचने की जहमत नहीं जुटाई। क्योंकि पर्दे के पीछे तस्करों को बचाने के लिए पुलिस के कुछ मुलाजिम मोटा पैसा डकार जाते हैं। इसीलिए कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर जाते हैं। बड़े तस्करों के बेनकाब न होने से शराब की तस्करी रुक नहीं रही है। इससे जहां ठेकेदारों की दुकानदारी प्रभावित हो रही है, वहीं राज्य सरकार को भी करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है।

सूत्रों की मानें तो यह गोरखधंधा मोहाली की एक शराब फैक्ट्री की मिलीभगत से हो रहा है। सारा माजरा पुलिस व एक्साइज विभाग की जानकारी में है। तहकीकात करने पर मालूम पड़ा है कि मालूम पड़ा है कि मोहाली एक शराब फैक्ट्री के साथ मगरमच्छ शराब तस्करों की से¨टग है। तस्कर उस शराब फैक्ट्री से पूरा ट्रक शराब शराब खरीदते हैं और बिना किसी फीस के यह शराब फैक्ट्री से बाहर निकलती है। अरुणाचल प्रदेश मार्का वाली यह शराब पंजाब में लाकर तस्करी में प्रयोग की जाती है। तस्करों को यह महज 450 रुपए में पेटी पड़ती है। जबकि शराब ठेकेदार यही शराब खरीदते हैं तो उन्हें फीस इत्यादि चुका कर 3200 रुपए में प्रति पेटी शराब पड़ती है। शराब फैक्ट्री से यह शराब रात के समय में निकलती है और तमाम पुलिस नाकों को भेदते हुए शराब होशियारपुर पहुंच जाती है। डबल मुनाफा कमाकर तस्कर आगे तस्करी कर देता है

शराब मंगाने वाला तस्कर शराब होशियारपुर पहुंचते ही अपने तस्करों को नेटवर्क को आगे सप्लाई कर देता है। 450 रुपए में खरीदी कर लाई गई शराब को वह 900 रुपए के हिसाब से प्रति पेटी बेच देता है। बड़े तस्करों के नेटर्वक में होशियारपुर में करीबन 50 तस्कर शमिल हैं। छोटे तस्कर शराब की पेटी को बोतल के हिसाब से डबल मुनाफा करके लोगों में सप्लाई करते हैं। तस्करी की शराब सस्ती होने की वजह से ठेकों से महंगी शराब खरीदने से लोग गुरेज भी करते हैं। हर पेटी के पीछे सरकार को लगता है 2800 रुपये का चूना

शराब ठेकेदारों ने बताया कि तस्करी करके बेची जा रही शराब से राज्य सरकार को हरेक पेटी के पीछे तकरीबन 2800 रुपए का चूना लग रहा है। उस फैक्ट्री से हर दिन हजारों पेटी शराब तस्करी के लिए निकलती है। इसका सीधा नुकसान राज्य सरकार को राजस्व के रूप में हो रहा है। इसके साथ ही तस्करी की सस्ती शराब मार्केट में उपलब्ध होने से ठेकेदारों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। पुलिस और एक्साइज विभाग का भी रवैया ढीला है और घाटे से उबरने के लिए जब वह तस्करों पर निगरानी रखते हैं, तो उन पर मारपीट का आरोप लगा दिया जाता है। पिछले तीन माह में छह ट्रकों में करीबन चार हजार पेटी अवैध शराब पकड़ी गई है, लेकिन पुलिस अभी तक उन तस्करों तक पहुंचने में नाकाम रही है। इसीलिए तस्करों को हौंसले बुलंद हैं और तस्करी को बेखौफ अंजाम दे रहे हैं।

सभी थानों को सख्ती बरतने की हिदायत दी गई है। किसी भी तस्कर को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस तह तक जाकर तस्करों का पता लगाकर उनके खिलाफ बनती कार्रवाई करेगी। अगर किसी भी मुलाजिम की तस्करों के साथ संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

-जे. इलनचेलियन, एसएसपी।


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