रिहायशी इलाकों में कबाड़ की दुकानें, प्रशासन मौन
जागरण संवाददाता होशियारपुर दीपावली के सीजन में आगजनी की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। पटाखे से निकलने वाली चिगारी शोला बन जाती है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर
दीपावली के सीजन में आगजनी की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। पटाखे से निकलने वाली चिगारी शोला बन जाती है। ऐसे में शहरी इलाके में प्रशासन को ठेंगा दिखाकर चल रही कबाड़ की दुकानें जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं। नियमों को ताक पर रखकर शहरी इलाके में चल रही कबाड़ की दुकानें खतरे की घंटी बनी हुई हैं। नगर निगम कुम्भकर्णी नींद में है। नियमों की बात की जाए तो रिहाइशी इलाकों में कबाड़ कि दुकानें नहीं खोली जा सकती। मगर सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते शहर के ज्यादातर रिहायशी इलाकों में सरेआम कबाड़ की दुकानें खुली हैं। कबाड़ की दुकानों में कबाड़ी तरह-तरह का कबाड़ भरकर रखते हैं। कई बार तो कबाड़ का काम करने वाले कबाड़ी जहानखेलां, खड़का ट्रेनिग कैंप के बाहर से प्रयोग किए हुए बारूद के खाली खोल व मोटार्र आदि भी वहां से उठाकर ले आते हैं। इनके बीच से स्क्रैप निकालने के चक्कर में जब वह इन्हें तोड़ते हैं तो उनमें से कुछ जिदा बम के फटने से हादसा हो जाता।
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इन इलाकों में हो चुके हैं हादसे कुछ साल पहले भंगी चोअ इलाके में कबाड़ की दुकान में लोहा तोड़ते समय बम विस्फोट होने से तीन व्यक्ति की मौत हो गई थी। दो लोग घायल हो गए थे। वहीं एक हादसा रविदास नगर में हुआ था, जिसमें एक की मौत व एक गंभीर रुप से घायल हो गया था। उस घटना के बाद भी अफसरशाही ने संज्ञान नहीं लिया। पिछले साल ही कमेटी बाजार की घनी आबादी में चल रही कबाड़ की दुकान में आग भड़क गई थी। बड़ा नुकसान होते-होते बचा था। फिर भी नगर निगम ने चुप्पी नहीं तोड़ी। यह कहना गलत नहीं होगा कि नगर निगम का उदासीन रवैया किसी दिन काफी भारी पड़ेगा तो शायद कुछ गलत नहीं होगा। ----------------------- समस्या गंभीर, जल्द चलाया जाएगा अभियान : इंस्पेक्टर संजीव अरोड़ा
समस्या गंभीर है इसके खिलाफ जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। वैसे तो पहले भी कार्रवाई चलती रही है लेकिन अब इस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा ताकि इलाके में कोई अप्रिय घटना न हो।