नेताजी के आजादी के लिए दिए योगदान को सराहा
होशियारपुर भारत विकास परिषद की बैठक प्रधान रजिदर मोदगिल की अध्यक्षता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। जिसमें प्रांतीय कनवीनर व समाजसेवी संजीव अरोड़ा विशेष तौर उपस्थित हुए।
जागरण टीम, होशियारपुर
भारत विकास परिषद की बैठक प्रधान रजिदर मोदगिल की अध्यक्षता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। जिसमें प्रांतीय कनवीनर व समाजसेवी संजीव अरोड़ा विशेष तौर उपस्थित हुए।
इस मौके पर प्रधान रजिदर मोदगिल ने बताया कि नेताजी ने अपनी मूल शिक्षा प्रेजिडेंसी कालेज कोलकाता से प्राप्त की। उसके बाद वह इंडियन सिविल सर्विस की तैयारी के लिए कैंब्रिज कालेज इग्लैंड गए और वह आजादी की लड़ाई में करीब 11 बार जेल गए। उनकी मृत्यु कैसे हुई यह अभी तक रहस्य है।
इस अवसर पर संजीव अरोड़ा ने कहा कि नेताजी 1921 में देश वापस आए तथा राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़े और 1938 में उन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस का प्रधान नियुक्त किया गया। इसके बाद वह पद से इस्तीफा देकर आजादी की लड़ाई में कूद गए। इसके बाद दूसरा विश्व युद्ध शुरू होते उन्हें अंग्रेजी हुकूमत द्वारा नजरबंद कर दिया गया। इसके बाद सचिव एचके नक्कड़ा तथा तरसेम मोदगिल ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिद फौज की स्थापना की तथा विदेश में घूमकर आजादी के लिए दूसरे देशों का समर्थन हासिल किया। उन्होंने प्रसिद्ध नारा तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा दिया। इस अवसर पर सभी सदस्यों ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नेताजी के विचारों की सराहना की। साथ ही नेताजी के देश की आजादी के लिए दिए मूल्यवान योगदान के लिए सराहना की।
इस अवसर पर तरसेम मोदगिल, दविदर अरोड़ा, दीपक मेंहदीरत्ता, रविदर भाटिया, एचके नक्कड़ा, गौरव गर्ग, नील मोदगिल, निपुण शर्मा, रमेश भाटिया तथा रिक्की सेतिया मौजूद रहे।