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पराली प्रबंधन में पंडोरी गंगा सिंह इलाके में आदर्श गांव के रूप में उभर कर सामने आया

होशियारपुर जिले का माहिलपुर ब्लाक का गांव पंडोरी गंगा सिंह धान की पराली को खेतों में ही प्रबंधन करने के लिए आदर्श गांव के रुप में उभर कर सामने आया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 11:54 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 11:54 PM (IST)
पराली प्रबंधन में पंडोरी गंगा सिंह इलाके में आदर्श गांव के रूप में उभर कर सामने आया

संवाद सहयोगी, माहिलपुर : धान की पराली को किसानों द्वारा आग लगाने के फलस्वरुप भूमि की उर्भरक क्षमता, इंसान की सेहत व पर्यावरण पर पड़ते खतरनाक प्रभाव से बचाने के लिए पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना ने पराली प्रबंधन के तहत शुरु किए गए अभियान के अनुसार किसानों को जागरुक करने के लिए आधुनिक तकनीक द्वारा पराली को आग लगाए बिना गेहूं की फसल की बिजाई की जा रही है। इस कार्य में पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना व किसान भलाई विभाग की ओर से किसानों तक विकसित मशीनरी उपलब्ध कराई जा रही है। इस अभियान के तहत कृषि विज्ञान केंद्र होशियारपुर खेतीबाड़ी विभाग व किसान भलाई विभाग होशियारपुर द्वारा पराली प्रबंधन के लिए विकसित मशीनरी का प्रदर्शन किया जा रहा है। होशियारपुर जिले का माहिलपुर ब्लाक का गांव पंडोरी गंगा सिंह धान की पराली को खेतों में ही प्रबंधन करने के लिए आदर्श गांव के रुप में उभर कर सामने आया है। इस साल भी इस गांव के किसानों ने पर्यावरण को स्वस्थ्य रखने के लिए करीब सवा सौ एकड़ जमीन में हैप्पीसीडर की सहायता से गेहूं की फसल की बिजाई की है, वहीं करीब सौ एकड़ जमीन से पराली की गांठ बनाने वाली मशीन बेलर से इकट्ठा कर बिजो गांव में चल रहे बीओ मास प्लांट में किसानों द्वारा बेची गई है। जिससे किसानों को आर्थिक सहायता प्राप्त हो जाती है।

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इस संबंध में जानकारी देते हुए केवीके बाहोवाल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मनिदर सिंह बोंस ने बताया कि इस गांव को पराली प्रबंधन के लिए 2018-19 में केवीके द्वारा अडॉप्ट किया गया था। इस संबंध में गांव में सिखलाई कोर्स, जागरुक प्रदर्शनी, खेत दिवस, खेती सहत्य, दीवारों पर पेंटिग द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित किया गया था। वहीं हैप्पीसीडर व जीरो ड्रिल मशीन की सहायता से खेतो में गेहूं की फसल बोई गई थी। उन्होंने बताया गांव के किसान कैप्टन मनोहर सिंह, दीदार सिंह, तीरथ सिंह, हरपाल सिंह, कुलवरसिंह, मनजिदर सिंह, संदीप सिंह, मनजिदर सिंह भंगू, गुरप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह, कुलवंत सिंह व जगदीप सिंह ने अपने खेतों की पराली को खेत मे ही प्रबंधन कर गेहूं की बिजाई की थी। 2018-19 में धान की कटाई में सुपर एस एम एस कम्बाईन के साथ दो सौ एकड़ धान की बिजाई की गई थी। उन्होंने कहा कि किसानों खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना व केवीके द्वारा उन्हें पहुंचाई जा रही आधुनिक तकनीक वाली मशीनों से पराली प्रबंधन करने के अभियान से संतुष्ट होकर विभाग का साथ दे रहे हैं।


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