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चरमराई व्यवस्था, तलवाड़ा बस स्टैंड में न रैंप और न ही व्हीलचेयर

तलवाड़ा का बस स्टैंड। यह बस स्टैंड पंजाब व पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 11:39 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:10 AM (IST)
चरमराई व्यवस्था, तलवाड़ा बस स्टैंड में न रैंप और न ही व्हीलचेयर
चरमराई व्यवस्था, तलवाड़ा बस स्टैंड में न रैंप और न ही व्हीलचेयर

संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : तलवाड़ा का बस स्टैंड। यह बस स्टैंड पंजाब व पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है। यह खास इसलिए भी बन जाता है, क्योंकि हिमाचल के दूरदराज के इलाकों से लोग अधिकतर इसी रास्ते से होकर पंजाब में दाखिल होते हैं। वहीं पौंग डैम होने के कारण इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है। यही नहीं टैरेस का इलाका जोकि हिमाचल सीमा से सटा है में एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। इतना खास होने के बाद भी यह बस स्टैंड मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यदि सीनियर सिटीजनों व दिव्यांगों की सुविधा की बात की जाए तो उनके लिए पूरे बस स्टैंड में एक भी व्हीलचेयर नहीं है, व्हीलचेयर तो दूर की बात इनके लिए बस स्टैंड में रैंप भी नहीं बनाए गए हैं। जिससे वह आराम से बस स्टैंड तक पहुंच सके।

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हालात यह हैं कि विभाग के भी कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जिनको यह भी नहीं पता कि बस स्टैंड पर व्हीलचयेर का होना जरूरी है। कुछ एक ने तो यहां तक तर्क दे दिया कि इस तरह की सुविधा तो हमनें सुना है कि मात्र जिला स्तर के बस स्टैंड पर ही होती है। इतने बड़े प्वाइंट हर रोज हजारों बुजुर्ग और दिव्यांग आते हैं। एक भी व्हीलचेयर का न होना बुजुर्ग और दिव्यांगों के साथ मजाक है।

धार्मिक स्थलों के लिए यहां से निकलते हैं लोग

बस स्टैंड में सीनियर सिटीजन व दिव्यांगों की सुविधा के लिए एक भी व्हीलचेयर नहीं है जबकि आवाजाही के हिसाब से बस स्टैंड में आठ से 10 के करीब व्हीलचेयर होनी चाहिए। तलवाड़ा बस अड्डे से 400 से 500 के करीब अलग-अलग ट्रांसपोटों की बसें होकर गुजरती हैं और हजारों की संख्या में मुसाफिर आते-जाते हैं। इस हिसाब से बस स्टैंड पर लगभग आठ से 10 व्हीलचेयर होनी ही चाहिए, क्योंकि यह काफी बड़ा दो राज्यों को जोड़ने वाला प्वाइंट है। यहां से हिमाचल के कई धार्मिक स्थलों के लिए बसें निकलती हैं और सीनियर सिटीजन काफी संख्या में धार्मिक स्थलों की यात्रा पर जाते हैं और उन्हें कई बार व्हीलचेयर की जरूरत रहती है। तलवाड़ा से चंडीगढ़ रूट काफी शॉर्ट

जनता को सुविधाएं देने के दावे तो बहुत किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इसमें कितनी सच्चाई है यह सब जानते हैं। तलवाड़ा से दिल्ली या फिर तलवाड़ा से चंडीगढ़, ऊना-नंगल तक जाना हो तो यह रूट काफी शार्ट है। इसी कारण काफी गिनती में तलवाड़ा के आसपास के गांवों व पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के मुसाफिर यहीं से आते जाते हैं। नहीं है बस स्टैंड में एक भी रैंप

सीनियर सिटीजन व दिव्यांगों की सुविधा के लिए सरकार के निर्देशों के अनुसार हर सार्वजनिक स्थल जैसे स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों, बस स्टैंडों व रेलवे स्टेशनों पर रैंप और व्हीलचेयर होना जरूरी है। परंतु तलवाड़ा के बस स्टैंड पर हालात ऐसे हैं कि जिनको देखकर हिसाब लगाया जा सकता है। तलवाड़ा किसी सरकारी तंत्र के अधीन आता ही नहीं है चूंकि व्हीलचेयर तो दूर की बात इस बस स्टैंड पर एक भी रैंप नहीं है।

जल्द ही किया जाएगा व्हीलचेयर व रैंप का प्रबंध : बीडीपीओ

बीडीपीओ युद्धवीर सिंह ने कहा कि तलवाड़ा बस स्टैंड में कुछ निर्माण कार्य चल रहा है और इसी के तहत रैंप का काम भी शीघ्र करवाया जाएगा। सीनियर सिटीजन व दिव्यांगों को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। व्हीलचेयर का प्रबंध भी जल्द ही कर दिया जाएगा। बस स्टैंड में जो भी कमियां है, उनके निदान के लिए ब्लॉक समिति तलवाड़ा की चेयरपर्सन व विभाग के उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी। इसके अलावा हर तरह की जानकारी देने के लिए साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे।


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