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एक माह में मात्र पांच फीट बढ़ा पौंग झील का जलस्तर

दातारपुर ब्यास नदी पर बनाए गए मिट्टी की दीवार से बने एशिया के सबसे बड़े बांध पौंग

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 06:06 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 06:06 PM (IST)
एक माह में मात्र पांच फीट बढ़ा पौंग झील का जलस्तर
एक माह में मात्र पांच फीट बढ़ा पौंग झील का जलस्तर

सरोज बाला, दातारपुर

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ब्यास नदी पर बनाए गए मिट्टी की दीवार से बने एशिया के सबसे बड़े बांध पौंग बांध में जलभराव सीजन शुरू हो गया है। यह सीजन 20 सितंबर यानी तीन महीने तक चलेगा। मगर, मौसम विभाग की भविष्यवाणी की इस साल मॉनसून की बारिश जोरदार होगी अब तक पूरी तरह गलत साबित हुई है, क्योंकि पूरे एक महीने में पौंग बांध में मात्र 5 फुट ही जलस्तर बढ़ा है। गौर हो कि बांध की महाराणा प्रताप सागर झील में 20 जून को 1284.49 फीट जलस्तर रिकार्ड किया गया। उस समय झील में मात्र 2190 क्यूसिक पानी की आमद हो रही थी और 8009 क्यूसिक पानी बांध से डिस्चार्ज हो रहा था।

उधर, शुक्रवार सुबह बांध की झील में सुबह 6 बजे 1289.23 जलस्तर रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान बांध में कुल 20945 क्यूसिक पानी की आमद हो रही थी और बांध की टर्बाइनों से 9308 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज हो रहा था। यानी झील में 1289-1284 कुल 5 फीट पानी ही बढ़ा है, जो ¨चता का सबब है। जबकि विगत वर्ष बांध में 20 जुलाई को 1322 फीट जलस्तर था। लिहाजा, गत वर्ष के मुकाबले 31 फीट पानी बांध में कम है। जलस्तर घटने के कारण 306 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली यह विशाल झील सिकुड़ कर बड़े तालाब जैसी रह गई है।

ज्ञात रहे की पौंग बांध की डेड स्टोरेज क्षमता 1265 फीट है। इस लेवल से मात्र 24 फीट ही ऊपर पानी का स्तर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांध में पानी की क्या स्थिति है।

उधर, मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि इस बार मानसून अति सक्रिय रहेगा। मगर, अभी तक तो मानसून की सक्रियता न के बराबर है। यदि बारिश का सिलसिला ऐसे ही रहा, तो बांध में पानी का वांछित स्तर 1390-1395 फीट तक जलभराव होना दूर की कौड़ी ही होगा।

गौर हो कि इस बांध की उंचाई 1410 फीट है।इसे ज्यादा से ज्यादा 1395 फीट तक ही भरा जाता है। पौंग बांध के बिजलीघर में कुल 6 टर्बाइन कार्यरत हैं। जो प्रत्येक 66 मैगावाट की दर से कुल 396 मैगावाट बिजली उत्पादन करते हैं। बांध से डिस्चार्ज के बाद पानी शाह नहर बैराज में आ रहा है और फिर मुकेरियां हाइडल नहर में। जहां चार पावर हाउस में 207 मैगावाट बिजली उत्पादन हो रही है। बांध से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान को पानी ¨सचाई के लिए आबंटित किया जाता है।

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मछली के शिकार पर पाबंदी 15 दिन और बढ़ी

संवाद सहयोगी, दातारपुर

पौंग बांध की महाराणा प्रताप सागर झील में 1 जून से 31 जुलाई तक मछली के शिकार पर प्रतिबंध रहता है, क्योंकि इन दिनों मछलियां प्रजनन द्वारा अपनी वंश वृद्धि करती हैं। इस बार भी यह प्रतिबंध 31 जुलाई तक ही था। मगर, बांध की झील में कम जलस्तर के चलते मछलियों की बढ़ोतरी के मद्देनजर यह प्रतिबंध 15 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, ताकि ये अपनी समुचित वंश वृद्धि कर सकें।


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