संतों के दिखाए मार्ग पर चलने की सीख दी
सहनशीलता और विशालता इस जीवन में दैवीय गुणों की जननी है। ये बात निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कही।
जेएनएन, होशियारपुर : सहनशीलता और विशालता इस जीवन में दैवीय गुणों की जननी है। ये बात निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि सच्चा मनुष्य वही है जो इस निरंकार परमात्मा रूपी सत्य के साथ जुड़ा हुआ है, क्योंकि मनुष्य जिस के प्रभाव अधीन रहता है। उसके जैसे गुण उस के अंदर पैदा होते हैं। परमात्मा असीम गुणों की खान है। इस परमात्मा को अपने जीवन में स्थान देने वाले मनुष्य में भी दैवीय गुण पैदा होने शुरू हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्यार, विनम्रता, सहनशीलता, विशालता और माफ करना यह सब दैवी गुण हैं। जो मनुष्य इस परमात्मा के एहसास में जीता है, वहीं सहनशील और विशाल बन सकता है। जिस तरह धरती हर तरह के मौसम को सहन करके हमेशा सहज अवस्था में रहती है। इसी तरह ही परमात्मा के भक्त भी सब कुछ सहन करते हुए जीवन जीते हैं। आओ हम सभी इस तरह संतों महापुरुषों के बताए मार्ग पर चल कर अपने जीवन को सहज और सुखी बनाएं।