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बिना नंबर प्लेट सड़कों पर दौड़ रहे वाहन

चब्बेवाल, माहिलपुर व गढ़शंकर शहर में इन दिनों बड़ी संख्या में बिना नंबर प्लेट के दोपहिया व चार पहिया वाहन चल रहे हैं। एक तरफ पुलिस व परिवहन विभाग यातायात नियमों की पालना के लिए कई बार हेलमेट पहनने का अभियान चलाते है। पर वह भी एक दो दिन चलता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 12:02 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 12:02 AM (IST)
बिना नंबर प्लेट सड़कों पर दौड़ रहे वाहन
बिना नंबर प्लेट सड़कों पर दौड़ रहे वाहन

रामपाल भारद्वाज, माहिलपुर

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चब्बेवाल, माहिलपुर व गढ़शंकर शहर में इन दिनों बड़ी संख्या में बिना नंबर प्लेट के दोपहिया व चार पहिया वाहन चल रहे हैं। एक तरफ पुलिस व परिवहन विभाग यातायात नियमों की पालना के लिए कई बार हेलमेट पहनने का अभियान चलाते है। पर वह भी एक दो दिन चलता है। इस दौरान जिसके पास किसी नेता का नंबर नही होता उसी चालक का चालान कटता है, तो पुहंच वाले इन नाकों से आराम से मुस्कुरा कर निकल जाते हैं। दूसरी ओर बिना नंबर की मोटरसाइकिलों, स्कूटर, कारें, ट्रैक्टर ट्रॉली, छोटे भार वाहन, भारी वाहनों व बसें पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती है। प्रशासनिक उदासीनता के चलते इसका चलन बढ़ता जा रहा है। दो पहिया वाहन चालकों में हेलमेट अनिवार्यता को लेकर यातायात पुलिस चालान काटने व समझाइश के लिए जगह-जगह दुपहिया वाहन चालकों को रोक तो रही है, पर इस अभियान का कोई उत्साहजनक परिणाम सामने नही आ रहे। दिलचस्प बात यह है कि मोटरसाइकिल बिना नंबर की है और हेलमेट पहन रखा है तो उसको नहीं रोका जाता है। जबकि दुपहिया वाहन खरीदने वालों को एक माह के भीतर ही रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। अब तो वाहन खरीदते समय वाहन बिक्रेता एजेंसी वाले ही विशेष तरह की नंबर प्लेट लगवा कर उस पर टेम्परेरी नंबर जारी किए जाते हैं, पर न तो वाहन बेचने वाली एजेंसी इन नंबर को जारी करने में दिलचस्पी दिखाती है और न ही वाहन को खरीद वाले। शहर सहित जिलेभर में कई ऐसे वाहन चल रहे हैं। जिनके प्लेटों पर नंबर तो क्या नंबर प्लेट भी नहीं लगी हुई है। इसे लेकर पुलिस के साथ साथ ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी भी आंखे मूंदे हुए हैं, जो कि बड़ी खतरनाक साबित हो सकती है। अपराधी का नहीं चल सकता पता

ऐसा कोई वाहन शहर के किसी क्षेत्र में अपराध करके निकल भी जाए तो उसका पता लगाना बहुत मुश्किल होगा। नंबर प्लेट पर नंबर की बजाय अन्य नाम लिखे होने के कारण वाहन की पहचानने में विकट समस्या का कारण बन जाती है। नंबर नहीं पार्टी का नाम या पद का चलन

नंबर प्लेट पर नंबर राजनीतिक दलों, जाति पद व भगवान के नाम लिखने का चलन कुछ ज्यादा ही है। कोई अपना उपनाम तो कोई अपने घर के किसी छोटे बच्चे का नाम लिखवा लेते है। इतना ही नहीं नंबर प्लेट का उपयोग अपनी दुकान का प्रचार-प्रसार करने के लिए करते है। संभवतया आज तक इस तरह का अभियान नहीं चला है। जिसमें नंबर प्लेट का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ शायद ही कभी कोई कार्यवाही की होगी। कई लोग परिवहन विभाग से अपनी बाइक रजिस्टर्ड तो करवा देते हैं, लेकिन उसके बाद विभाग की ओर से लगवाई गई नंबर प्लेट को हटाकर दूसरी प्लेट लगवा देते हैं। जिस पर वे रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह कुछ भी लिखवा देते हैं। जल्द चलाएंगे अभियान:आरटीओ

इस सबध में आरटीओ करण ¨सह ने कहा कि यह गलत है। वह ऐसे वाहनों खिलाफ मोटरवाहन कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे व प्रशासन, पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त अभियान जल्द चलाया जाएगा।


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