भारतीय संस्कृति के विराट पुरुष हैं विवेकानंद: दिनकर पराशर
स्वामी विवेकानंद वह युगपुरष हैं। जिन्होंने भारतीय संस्कृति की विजय पताका को पूरे विश्व में फहराया और वसुधैव कुटुंबकम की भावना का संदेश पूरे संसार को पहुंचाया वसिष्ट भारती इंटरनेशनल स्कूल दातारपुर में आज उपस्थित को संवोधित करते हुए ¨प्रसिपल दिनकर पराशर ने उक्त चर्चा की उन्होंने कहा उन्होंने कहा स्वामीजी का कहना था, यदि विश्व से आतंकवाद भ्ष्र्टाचार प्रदूषण को मिटाना है, तो भारतीय संस्कृति की शरण लेना ही एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा स्वामीजी ने विश्वपटल पर शिकागो में मानव मात्र को ईश्वरीय संबंधों के आधार पर संबोधित किया और इसी संबोधन भाइयों व बहिनों कहकर भारतीय संस्कृति का परचम फहराया। इसी
संवाद सहयोगी, दातारपुर : स्वामी विवेकानंद वह युगपुरुष हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में फहराया। विशिष्ट भारती इंटरनेशनल स्कूल दातारपुर में संबोधित करते हुए ¨प्रसिपल दिनकर पराशर ने कहा कि स्वामीजी का कहना था, यदि विश्व से आतंकवाद व भ्रष्टाचार को मिटाना है, तो भारतीय संस्कृति की शरण लेना ही एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा विवेकानंद ने विश्वपटल पर शिकागो में मानव मात्र को ईश्वरीय संबंधों के आधार पर संबोधित किया। इसी कारण विवेकानंद सामान्य से असामान्य हो गए। अजनबी से विश्व को ज्ञात हो गए, लघु से विराट हो गए। उन्होंने कहा कि स्वामी के जीवन की यही विशेषता है कि वे भारत की भूमि को माता कहते थे। वे कहते थे एक देश है, हम एक हैं, यहीं राम है, यहीं कृष्ण है, यही ईसा है, यही महावीर है। उन्होंने कहा था कि देश में एकता हो, समता हो, राष्ट्रीयता हो और देश भक्ति की भावना हो तभी भारत विश्वगुरु बनेगा। इस अवसर पर गिरिधर शर्मा, कवीश शर्मा, अनुबाला, सुनयना, संतोष, सुरेश, पायल, शहनाज, अंजू बाला, राजरानी उपस्थित थे।