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दो फीसद कमीशन देने पर अवैध कॉलोनियों में भी हो जाती है रजिस्ट्री

अवैध कॉलोनियों में राज्य सरकार ने रजिस्ट्री पर पाबंदी लगाई है। सरकार का मकसद कालोनियों को रेगुलाइज कराना है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:31 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 11:31 PM (IST)
दो फीसद कमीशन देने पर अवैध कॉलोनियों में भी हो जाती है रजिस्ट्री

हजारी लाल, होशियारपुर

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अवैध कॉलोनियों में राज्य सरकार ने रजिस्ट्री पर पाबंदी लगाई है। सरकार का मकसद कालोनियों को रेगुलाइज कराना है। इसी उद्देश्य से कांग्रेस सरकार ने यह आदेश दिया है कि कालोनी वैध होने की सूरत में ही प्लाट की फीस जमा होगी और उसके बाद ही रजिस्ट्री होगी। मगर, यह फरमान होशियारपुर तहसील के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रहा है। पड़ताल करने पर मालूम पड़ा है कि तहसील में अवैध कालोनियों में भी रजिस्ट्री कर दी जाती है। बशर्ते इसके लिए जमीन की बैल्यू का दो फीसदी कमीशन देना पड़ता है। जो मालिक दो फीसद कमीशन नहीं देता है, उसकी रजिस्ट्री नहीं की जाती है। इस हथकंडे से सरकार को भले ही कोई फायदा नहीं हो रहा है, लेकिन सरकारी कुर्सी पर बैठे कुछ शख्स जरुर मालामाल हो रहे हैं। मालूम पड़ा है कि दो फीसदी कमीशन देने के बाद कागजों में खेल करके पैसे का खेल दिया जाता है। यह सारा काम से¨टग से होता है। कुछ अधिकारी और मुलाजिम इस हथकंडे से मालामाल हो रहे हैं। दावा तो यहां तक किया जाता है कि कुछ ही समय में हुई रजिस्ट्रियों का रिकार्ड खंगाला जाए तो सब कुछ दूध की तरह साफ हो जाएगा की कि अवैध कालोनियों में भी रजिस्ट्रियां हो रही हैं। जबकि सरकार ने पाबंदी लगाई है। यह ही बता देता है की कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है। यहां यह भी बता दें की कि अवैध कालोनियों से बाहर रजिस्ट्री कराने पर एक फीसदी कमीशन वसूला जाता है। चूंकि अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री करने का काम रिस्की होता है इसीलिए कमीशन दो फीसदी होता है।

बता दें, सारा मामला है क्या? नगर निगम की सूची में होशियारपुर में 158 कॉलोनियां अवैध हैं। इनमें से सिर्फ अभी छह कालोनियों के ही सर्टिफिकेट मिले हैं। बाकी कालोनियां के सिर्फ 10 से 20 फीसद ही पैसे जमा हुए हैं। सरकार का आदेश है कि जब कालोनियां बैध नहीं हो जाती हैं, तब तक रजिस्ट्रियां नहीं होंगी। इस वजह से शहर के करीबन दस हजार लोग फंसे हुए हैं। कुछ ने बयाना किया हुआ है। कईयों की रजिस्ट्री रुकी है। अब ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बिना कमीशन के रजिस्ट्री करवाना चाहे तो उसे आदेशों का हवाला देकर टरका दिया जाता है। मसलन की कि उसकी रजिस्ट्री नहीं होती है। हां, यदि कोई व्यक्ति से¨टग कर ले तो कागजी दांवपेंच घुमाकर उसकी रजिस्ट्री कर दी जाती है। रिकॉर्ड खंगालने पर सच्चाई आएगी सामने

कुल मिलाकर से¨टग होने पर ही रजिस्ट्री होती है। पैसा खर्च करने वाले लोग अवैध कालोनी में भी रजिस्ट्री करवा लेते हैं, जो लोग पैसे नहीं खर्च करते वह मायूम होकर घरों को लौट जाते हैं। अगर तहसील का रिकार्ड खंगाला जाए तो सारी सच्चाई सामने आ सकती है। डीसी ईशा कालिया ने कहा कि वह इसकी जांच करेंगी। अगर नियमों के विपरीत कुछ पाया गया तो निश्चित तौर पर एक्शन लिया जाएगा।


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