वेतन कम करने पर भड़के अध्यापक
पिछले दस सालों से शिक्षा विभाग में ठेके पर काम कर रहे एसएसए-रमसा अध्यापकों के साथ कांग्रेस सरकार लगातार धक्केशाही कर रही है।
जेएनएन, होशियारपुर : पिछले दस सालों से शिक्षा विभाग में ठेके पर काम कर रहे एसएसए-रमसा अध्यापकों के साथ कांग्रेस सरकार लगातार धक्केशाही कर रही है। जिसके तहत एक तो अध्यापकों के वेतन पर 70 प्रतिशत कट लगाकर रे मौजूदा वेतन और 70 प्रतिशत काट मार कर रेगुलर होने की ऑप्शन क्लिक करवाने के लिए अध्यापकों की ट्रमिनेशन की गई हैं पर अपने दिए बयान से भी शिक्षा मंत्री थिरक गए हैं। जिसके अंतर्गत रेगुलर की ऑप्शन क्लिक न करने वाले अध्यापकों को पूरा वेतन लेते रहने की बात उनकी तरफ से गई थी। जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में जिला कन्वीनर अजीत ¨सह रूपतारा ने कहा कि कहा कि पिछले आठ महीनों से वेतन न देकर पंजाब सरकार एक तरफ अध्यापकों को आर्थिक संकट में डाल कर तऩख्वाह कटौती की आप्शन मं•ाूर करवाने में असफल रही है, दूसरी तरफ सरकार ने अफसरशाही द्वारा हर गैर संवैधानिक तरीके द्वारा अध्यापकों और अपना वेतन कटौती वाला तुगलकी फरमान थोपने की कोशिश की जा रही है। जानकारी देते बताया कि एसएसए अधीन काम करते प्राथमिक अध्यापक 37,800 रुपए प्रति महीना ले रहे थे और एसएसए और रमसा अधीन काम करते अप्पर प्राथमिक अध्यापक 42,800 रुपए प्रति महीना मौजूदा समय में तऩख्वाह ले रहे थे जोकि पिछले आठ महीनों से सरकार द्वारा जारी नहीं की गई। पंजाब सरकार की इस धक्केशाही का विरोध वह आने वाली 27 जनवरी को शिक्षा मंत्री का घेराव करके करेगें।
उन्होंने कहा कि इस तरह वेतन घटाने का जारी पत्र सरासर गैर कानून्नी है, जिस को लेकर 27 जनवरी शिक्षा मंत्री को घेरेंगे वहीं ऐसे तुगलकी फरमान का समर्थन करने वाली अफसरशाही को कानूनी तौर पर भी अदालत में लाएंगें। वेतन में कटौती के इस गैर कानूनी फैसले को कभी भी मंजूर नहीं किया जाएगा। इस मौके परमजीत ¨सह, अमरदीप ¨सह, रजिन्दर कुमार, भूपिन्दर ¨सह, अरविन्द राणा, जसप्रीत कौर, मनदीप ¨सह, परमजीत आदि उपस्थित थे।