Move to Jagran APP

मैली पनाहपुर में नेता की निगाह में रेत माफिया को पनाह

माहिलपुर के पहाड़ी इलाके में बसे गांव मैली पनाहपुर में रेत माफिया की गतिविधियां दिन दिहाड़े बिना किसी भय से संचालित हैं जबकि वन विभाग के इस गांव में पदस्थ कर्मचारी ड्यूटी बजाने की जगह कार्यालय को ताला लगाकर अनुपस्थिति था। जागरण संवाददाता ने जब कंडी डैम के साथ लगते इलाके का दौरा किया तो देखा कि डेरों को जाते रास्ते को जेसीबी मशीन से चौड़ा करने के लिए पहाड़ों को काटा गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 06:25 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:25 PM (IST)
मैली पनाहपुर में नेता की निगाह में रेत माफिया को पनाह

रामपाल भारद्वाज, गढ़शंकर : माहिलपुर के पहाड़ी इलाके में बसे गांव मैली पनाहपुर में रेत माफिया की गतिविधियां दिन दिहाड़े बिना किसी भय से संचालित हैं, जबकि वन विभाग के इस गांव में पदस्थ कर्मचारी ड्यूटी बजाने की जगह कार्यालय को ताला लगाकर अनुपस्थिति था। जागरण संवाददाता ने जब कंडी डैम के साथ लगते इलाके का दौरा किया, तो देखा कि डेरों को जाते रास्ते को जेसीबी मशीन से चौड़ा करने के लिए पहाड़ों को काटा गया है। डेढ़ किलोमीटर जंगल के भीतर एक महिद्रा अर्जुन ट्रैक्टर ट्रॉली जोकि बिना नंबर का था पर दो युवक अवैध रूप से रेत का खनन कर ट्रॉली में भर रहे थे। उक्त युवक फोटो खींचते देख ट्रैक्टर की आड़ में खड़े हो गए। इनमें से एक युवक जिसने अपना नाम कमल बताया, ने स्वीकार किया कि वह बिना किसी विभागीय मंजूरी से रेत का खनन कर रहा है। रोचक तथ्य यह है कि अवैध खनन को सत्तारूढ़ दल के नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। वन विभाग कभी कभार कोई कार्रवाई करने की कोशिश करता है तो एक नेताजी कर्मचारियों को गांववासियों के सामने जलील कर कार्रवाई रोकने के लिए बेबस कर देते हैं। जिसके बाद वन विभाग इस इलाके को देखने की जरूरत महसूस नहीं करता। एक पुलिस कर्मचारी ने खबरों को पढ़कर कहा कि वह भी जब इस माफिया पर नकेल कसने की कोशिश करते हैं तो इनको बचाने के लिए नेताजी का फोन आ जाता है। जिसके चलते माफिया के हौंसले बुलंद है और सरकारी कर्मचारी भय के माहौल में ड्यूटी कर रहे हैं। अवैध रुप से रेत का खनन करने वालों में उक्त गांव के पंचायत सदस्य ही लगे हुए हैं।

loksabha election banner

रेता में मिल रही हरियाली

गौरतलब है कि मैली पनाहपुर के जंगल में धार्मिक स्थल को जाती सड़क के नवनिर्माण के लिए कार्य चल रहा है जिसकी आड़ में खनन माफिया के लोगों ने पहाड़ों को काटना शुरू कर दिया जिसके कारण पहाड़ आस्तित्व गवा चुके हैं। खनन माफिया को देखकर वन माफिया के लोग भी जंगल से पेड़ काटने में लगे हैं जिसके कारण वन विभाग की सबसे कड़े सेक्शन वाली जमीन से सैकड़ों पेड़ काट लिए हैं। पूरे खनन प्रकरण व पेड़ काटने के मामले में वन विभाग गांव में पदस्थ अपने कर्मचारियों को बचाने के लिए विभागीय नियमों का तानाबाना बुनने के लिए लगा है।

मात्र कार्रवाई करने का कह झाड़ा पल्ला

सेक्शन पांच में चल रहे रेत के अवैध खनन पर वन रेंज अधिकारी बलबिदर सिंह ने कहा कि विभाग जल्द ही इनके के खिलाफ कार्रवाई करेगा। जब पूछा कि कब तक, इस बात पर वह नियमों का हवाला देने लग पड़े। दूसरी तरफ हमेशा की तरह आदत के अनुसार माइनिग विभाग के एसडीओ आलोक चौधरी ने फोन नहीं उठाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.