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होशियारपुर डिपो : 116 बसों का बेड़ा, नहीं है स्टाफ पूरा

रोडवेज का होशियारपुर डिपो अपनी बदतर हालात पर आंसू बहा रहा है। हालात यह हैं कि डिपो में बसें तो हैं लेकिन चलाने के लिए ड्राइवर नहीं है और न ही पर्याप्त मात्रा में कंडक्टर हैं। जिनकी कमी के कारण होशियारपुर डिपो के कई रूट बंद हो चुके हैं।

By Edited By: Published: Thu, 15 Sep 2022 10:20 PM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2022 10:20 PM (IST)
होशियारपुर डिपो अपनी बदतर हालात पर आंसू बहा रहा है।

नीरज शर्मा, होशियारपुर : रोडवेज का होशियारपुर डिपो अपनी बदतर हालात पर आंसू बहा रहा है। हालात यह हैं कि डिपो में बसें तो हैं लेकिन चलाने के लिए ड्राइवर नहीं है और न ही पर्याप्त मात्रा में कंडक्टर हैं। जिनकी कमी के कारण होशियारपुर डिपो के कई रूट बंद हो चुके हैं और कुछ बंद होने की कगार पर हैं। इन बंद पड़े रूटों का सीधा फायदा प्राइवेट ट्रांसपोर्टर उठा रहे हैं। या यूं कहें कि होशियारपुर डिपो में चालकों व कंडक्टरों की कमी इन प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों के लिए सोने पे सुहागा साबित हो रही है। चाह कर भी रोडवेज की बसें पूरी सड़कों पर नहीं दौड़ रहीं। कुल 116 बसों के बेड़े में केवल 80 से 90 के करीब बसें ही चल रही हैं बाकी बसों को ड्राइवरों का इंतजार रहता है परंतु सरकार इसको लेकर गंभीर ही नहीं है। कभी पंजाब के सबसे अमीर डिपोओं में शुमार होशियारपुर आज अपने पूरे रूटों पर गाड़ियां नहीं चला पा रहा है। कई रूटों को तो मजबूरी में पूरी तरह से बंद करना पड़ा है और कुछ पर 50 प्रतिशत बसें चल रही हैं। 30-40 बसें स्टैंड में ही खड़ी रहती हैं विभागीय जानकारी अनुसार होशियारपुर डिपो में कुल 116 बसों का बेड़े है। जिसमें से मुलाजिमों की कमी के कारण रोजाना 30 से 40 बसें बस स्टैंड में खड़ी रहती है। इन 116 बसों के बेड़े के लिए 170 के करीब ड्राइवर व उतने ही कंडक्टर चाहिए पर हालात यह हैं कि डिपो में 93 चालक व 90 कंडक्टर हैं और इन्हीं से काम चलाया जा रहा है। जिस कारण रूटों में कट लग रहा है जो सीधे सीधे डिपो की आमदनी पर असर डालता है। यानी कुल आमदनी पर सीधे सीधे 20 से 25 फीसदी। कुछ रुट पूरी तरह से बंद, कुछ पर आधा काम स्टाफ की कमी के चलते होशियारपुर डिपो के कुछ रुट पूरी तरह से बंद हैं और कुछ रोटेशनों में केवल आधा ही यानी पचास फीसदी काम ही हो रही है। जानकारी अनुसार हर रोज ट्रिप के हिसाब से होशियारपुर जालंधर के लिए रोडवेज के पास दो घंटे होते हैं जिसमें कुल 14 बसें चलाई जानी चाहिए। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण केवल आठ बसें ही चल पाती हैं। जिसका फायदा प्राइवेट ट्रांसपोर्टों को मिलता है। इसी कारण होशियारपुर डिपो का लुधियान से हमीरपुर रुट पूरी तरह से बंद है। दिल्ली जाने के लिए एसी बस (वाल्वो) का रात के समय 21.50 है लेकिन स्टाफ न होने के कारण वह भी बंद है। टांडा के दो रुट बंद हैं। तलवाड़ा के लिए होशियारपुर से रुट बंद है। वहीं मुकेरियां से कमाही देवी तक का सरकारी बस का रुट बंद पड़ा है। जिसका सीधा सीधा असर डिपो की आमदनी पर पड़ता है।

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