अध्यापक रहे हैं मेरे पिता के रोल मॉडल : दमन ¨सह
मेरे पिता ने कभी किसी पद के लिए आवेदन नहीं किया बल्कि उनकी योग्यता के चलते लोग उनके पास आकर उन्हें अपने संस्थान में कार्य करनेके लिए आंमत्रित करते हैं।
जेएनएन, होशियारपुर : मेरे पिता ने कभी किसी पद के लिए आवेदन नहीं किया बल्कि उनकी योग्यता के चलते लोग उनके पास आकर उन्हें अपने संस्थान में कार्य करने के लिए आमंत्रण देते थे और राजनीति में भी उनका यही स्टैंड रहा। अध्यापन, प्रशासनिक अधिकारी से लेकर राजनीति तक का सफर उनका सादगी भरा ही रहा है। यह विचार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ¨सह की सुपुत्री दमन ¨सह ने उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक स्ट्रीकली पर्सनल- मनमोहन एंड गुरशरण पर चर्चा करते हुए रखे। होशियारपुर लिटरेरी सोसायटी की ओर से सरकारी कॉलेज में आयोजित समारोह के दौरान प्रदेश सूचना कमिश्नर खुशवंत ¨सह ने किताब पर लेखिका व पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन ¨सह की सुपुत्री दमन ¨सह के साथ चर्चा की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा, विधायक चब्बेवाल डॉ. राज कुमार, डिप्टी कमिश्नर ईशा कालिया भी विशेष तौर पर मौजूद थे।
इस किताब पर चर्चा करते हुए लेखिका दमन ¨सह ने बताया कि उनके पिता के रोल मॉडल उनके स्कूल, कालेज व यूनिवर्सिटी के अध्यापक ही रहे हैं और वे अकसर उनके बारे में चर्चा करते हुए कहतें है कि वे जो भी है अपने अध्यापकों के कारण है। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ¨सह के जीवन के उतार-चढ़ाव व अलग-अलग पहलुओं को छूआ। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के करियर को लेकर काफी कुछ इस पुस्तक के माध्यम से बताया। उन्होंने अपनी पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री के होशियारपुर में बिताए पलों जिसमें उनकी पढ़ाई व अध्यापन के समय की बात का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि वे एक महान गणितज्ञ, पालिसी मेकर एक अलावा एक बहुत अच्छे पिता भी है। किताब पर चर्चा करते हुए दमन ¨सह ने पूर्व प्रधानमंत्री की अकादमिक, राजनीतिक व प्रशासनिक ¨जदगी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि उनकी किताब में जितना उन्होंने अपना पिता के व्यक्तित्व के बारे में लिखा है उतना ही उन्होंने अपनी माता के बारे में भी बताया है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने संबोधित करते हुए कहा कि होशियारपुर बहुत खुशनसीब है कि यहां से देश के पूर्व प्रधानमंत्री न सिर्फ पढ़े हैं बल्कि पढ़ाया भी है। उन्होंने कहा कि जब पूरा विश्व मंदी का मार झेल रहा था तब डा. मनमोहन ¨सह ही थे जिन्होंने भारत पर आंच नहीं आने दी और पूरे विश्व में भारत को एक नई पहचान दिलाई। इस दौरान उन्होंने होशियारपुर लिटरेरी सोसायटी को इस आयोजन की बधाई देते हुए 5 लाख रुपये की ग्रांट की घोषणा भी की। इस मौके पर एडीसी अनुपम कलेर, एसडीएम होशियारपुर अमरप्रीत कौर संधू, आईएएस (अंडर ट्रे¨नग) गौतम जैन, सहायक कमिश्नर(सामान्य) रणदीप ¨सह हीर, सना कौशल गुप्ता, दिनेश दुज्गल, अमित गोयल, नजम रियाड़, हरमाला आहलूवालिया, हरजीत चीमा, आन रल्हन के अलावा शहर के अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।