बस स्टैंड पर जाना है तो अपनी सुरक्षा का खुद करें प्रबंध
शहर के बस स्टैंड में जाना है तो अपनी सुरक्षा का आपको खुद ही प्रबंध करना होगा।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर: शहर के बस स्टैंड में जाना है तो अपनी सुरक्षा का आपको खुद ही प्रबंध करना होगा। बस स्टैंड पर मात्र एक गार्ड तैनात होता है जो शाम ढलते ही निकल जाता है। पुलिस भी यहां चक्कर नहीं लगाती।
जहां पूरे देश में सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। अगस्त माह में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने की फिराक में है। इसी के चलते पिछले दिनों पंजाब से कुछ आतंकियों को गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं होशियारपुर का भी एक युवक टेरर फंडिग में गिरफ्तार हो चुका है।
ऐसे में पुलिस का फर्ज बनता है कि वह लोगों की सुरक्षा का इंतजाम करे। खासतौर पर सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा का जिम्मा उठाए जहां हर रोज हजारों लोग आते हैं। होशियारपुर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल खासा गंभीर दिखाई नहीं देता।
होशियारपुर की बस स्टैंड की सुरक्षा को लेकर न को प्रबंधन गंभीर है और न प्रशासन। बस स्टैंड पर एक ही सिक्योरिटी गार्ड है जो सुबह से शाम तक ही होता है और सूरज ढलने के बाद वह निकल जाता है। रात को एक दो बार पीसीआर के मुलाजिम आते हैं, लेकिन वह बस स्टैंड के लिए नहीं बल्कि बस स्टैंड से कुछ दूरी पर लगती चाय की रेहड़ी पर चाय पीने के लिए आते हैं।
दैनिक जागरण की टीम ने शनिवार रात को बस स्टैंड का मौका मुआयना किया तो बस स्टैंड पर सुरक्षा के नाम पर एक भी पुलिस मुलाजिम नहीं दिखाई दिया। कोई भी बस स्टैंड में आकर बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है। सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है बस स्टैंड
होशियारपुर के बस स्टैंड की यदि बात की जाए तो सुरक्षा के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है। होशियारपुर हिमाचल के साथ लगता है और दूसरी तरफ जम्मू जाने के लिए चंडीगढ़ के रास्ते यह सीधा रूट है। इसके लिए ज्यादातर लोग इसी रास्ते से जम्मू की तरफ जाते हैं। हिमाचल से अन्य राज्यों व अन्य राज्यों से हिमाचल की तरफ जाने के लिए काफी लोग होशियारपुर के रास्ते ही गुजरते हैं। हिमाचल का एंट्री प्वाइंट होने के कारण होशियारपुर का बस स्टैंड काफी अहमियत रखता है। मुस्तैदी केवल त्योहारों पर होती है
सुरक्षा को लेकर पुलिस कितनी गंभीर है, इसका हिसाब इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस को बस स्टैंड पर चेकिग की याद साल में दो तीन बार ही आता है। बाकी पूरा साल पुलिस इस तरफ ध्यान नहीं देती। पुलिस 15 अगस्त, 26 जनवरी, दीपावली के दिनों में ही बस स्टैंड की चेकिंग करते हुए नजर आती हैं या फिर यदि कभी कभार ऑर्डर मिल हों। बाकी सारा साल बस स्टैंड भगवान भरोसे होता है। यानी पुलिस को किसी अप्रिय घटना का इंतजार है।
यही हाल रेलवे स्टेशन का भी
कुछ ऐसे ही हालात रेलवे स्टेशन के भी हैं। रेलवे स्टेशन पर कोई मुलाजिम तैनात नहीं है। रेलवे स्टेशन पर वैसे तो सुरक्षा के लिए एक चौकी स्थापित है पर वहां पर भी एक आध मुलाजिम को छोड़कर कोई नहीं है। स्टेशन के भीतर जाने के लिए मुख्यद्वार पर कई चेकिग नहीं है। कोई भी आराम से स्टेशन के भीतर तक घुस सकता है और बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है। यही नहीं होशियारपुर से दिल्ली जाने वाली गाड़ी यहां पर सारा दिन खड़ी रही है और उसकी सुरक्षा के लिए भी कोई उचित प्रबंध नहीं है। कुछ ऐसे ही हालात होशियारपुर बस स्टैंड के हैं होशियारपुर बस स्टैंड पर भी सुरक्षा का कोई खास प्रबंध नहीं है। सुबह से लेकर रात तक शायद ही कोई पुलिस मुलाजिम सुरक्षा के लिहाज तक बस स्टैंड परिसर में चक्कर लगाता होगा। यां यूं कहिए की पुलिस तब ही जागेगी जब इन स्थानों पर कोई बड़ा हादसा होगा। वैसे तो पुलिस सुरक्षा के दावे तो लाखों करती है पर जमीनी हकीकत दावों से कोसों दूर है।