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श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से सभी कष्ट होते हैं दूर: मुकेश वशिष्ठ

देवी भागवत एक पुराण है जिसे देवी भागवतम भागवत पुराण श्रीमद भागवतम और श्रीमद देवी भागवतम के नाम से भी जाना जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 10:29 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:29 PM (IST)
श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से सभी कष्ट होते हैं दूर: मुकेश वशिष्ठ

संवाद सहयोगी, दातारपुर : देवी भागवत एक पुराण है, जिसे देवी भागवतम, भागवत पुराण, श्रीमद भागवतम और श्रीमद देवी भागवतम के नाम से भी जाना जाता है। यह संस्कृत का पाठ है जो सनातन धर्म के अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है। दातारपुर के शक्ति देव आश्रम में देवी भागवत कथा प्रवक्ता मुकेश वशिष्ठ ने उक्त चर्चा की। सुश्री देवा जी के सान्निध्य में हो रही कथा में उन्होंने बताया कि इसके पाठ को देवी उपासकों के लिए एक महापुराण माना जाता है। उन्होंने कहा यह पुराण परम पवित्र वेद की प्रसिद्ध श्रुतियों के अर्थ से अनुमोदित, अखिल शास्त्रों के रहस्य का स्त्रोत तथा आगमों में अपना प्रसिद्ध स्थान रखता है। यह सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, वंशानुकीर्ति, मन्वन्तर आदि पांचों लक्षणों से पूर्ण हैं। भगवती के पवित्र आख्यानों से युक्त है। इस पुराण में लगभग 18,000 श्लोक है। वशिष्ठ ने कहा एक बार भगवत-अनुरागी व पुण्यात्मा महर्षियों ने श्री वेदव्यास के परम शिष्य सूतजी से प्रार्थना करते हुए कहा कि हे ज्ञानसागर, आपके श्रीमुख से विष्णु भगवान और शंकर के देवी चरित्र व अद्भुत लीलाएं सुनकर हम बहुत सुखी हुए। ईश्वर में आस्था बढ़ी और ज्ञान प्राप्त किया। अब कृपा कर मानव जाति को समस्त सुखों को उपलब्ध कराने वाले, आत्मिक शक्ति देने वाले तथा भोग और मोक्ष प्रदान कराने वाले पवित्रतम पुराण आख्यान सुनाकर हमें अनुगृहीत कीजिए। ज्ञानेच्छु और विनम्र महात्माओं की अभिलाषा जानकर महामुनि सूतजी ने अनुग्रह स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि जन कल्याण की लालसा से आपने बड़ी सुंदर इच्छा प्रकट की। मैं आप लोगों को उसे सुनाता हूँ। यह सच है कि श्रीमद्देवी भागवत पुराण सभी शास्त्रों तथा धार्मिक ग्रंथों में महान है। इसके सामने बड़े-बड़े तीर्थ और व्रत नगण्य हैं। इस पुराण के सुनने से पाप सूखे वन की भांति जलकर नष्ट हो जाते हैं, जिससे मनुष्य को शोक, क्लेश, दु:ख आदि नहीं भोगने पड़ते। जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश के सामने अंधकार छंट जाता है। उसी प्रकार भागवत पुराण के श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट, व्याधियां और संकोच समाप्त हो जाते। इस अवसर पर सुश्री देवा जी, कुलदीप शारदा, प्रेम कुमार, राज कुमार, अश्वनी कुमार, राज कुमारी, दीपक पंडित, सुधा, नेहा, शिल्पी मीनाक्षी, अनीता, मंजू, सुमन व अन्य उपस्थित थे।

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