अतिरिक्त कक्षाएं लगा बदल दी तकदीर
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाने का माहौल शुरू किया था।
संवाद सहयोगी, होशियारपुर : सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाने का माहौल शुरू किया था। जिला होशियारपुर सरकारी मिडिल स्कूल मिर्जापुर में अध्यापक रविदर पाल सिंह दस साल से बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में अतिरिक्त कक्षाएं ले रहे हैं। यहां उन्होंने बच्चों को पूरी मेहनत के साथ पढ़ाया। रविदर पाल सिंह बताते हैं कि एक सप्ताह में ही उन्होंने बच्चों को दो वर्गो में बांट दिया। पहला समूह उनका बना जो पढ़ने में होशियार थे और दूसरा उन बच्चों का बनाया जो पढ़ाई में कमजोर थे।
कमजोर बच्चों को दूसरे बच्चों के बराबर लाने के लिए उन्होंने अतिरिक्त कक्षाएं शुरू कीं। इसमें स्कूल की छुट्टी के एक घंटे पहले से लेकर एक घंटे बाद के लिए अतिरिक्त कक्षाएं शुरू कर दीं। जब बच्चों का शैक्षिक स्तर सुधरने लगा, तो स्कूल में तैनात सहायक अध्यापक गुरमेल सिंह, दलबीर सिंह, परमजीत कौर ने भी अपना सहयोग देना शुरू कर दिया। आज विद्यालय के बच्चे अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। हर वर्ष स्कूल का 100 प्रतिशत नतीजा आता है। ज्यादा उपस्थिति वाले बच्चे को पुरस्कार
बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करने को शिक्षक रविदर पाल सिंह ने एक नया तरीका अपनाया। उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति की तरह बच्चों की उपस्थिति के लिए एक अलग रजिस्टर बनाया। इसमें सभी बच्चे रोजाना आकर अपने हस्ताक्षर करते हैं। हर माह सबसे अधिक उपस्थिति वाले बच्चे को पुरस्कृत किया जाता है।
जरूरतमंद बच्चों को उपलब्ध कराते हैं शिक्षा सामग्री
रविदर पाल सिंह केवल अतिरिक्त कक्षाएं ही संचालित नहीं करते हैं, बल्कि वे गरीब बच्चों को अपने पास से कॉपी और पेंसिल भी उपलब्ध कराते हैं। वह कहते हैं कि शिक्षक का कर्तव्य शिक्षा का दान करना होता है। वे केवल अपने कर्तव्य का ही पालन कर रहे हैं। राज्य पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
शिक्षक रविद्र पाल सिंह के अहम योगदान को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा उनका नाम राज्य पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था। अब दोबारा शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने अतिरिक्त कक्षाएं लगाने के लिए उनको प्रशंसा पत्र भेजा है।