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राहुल गांधी पर कांग्रेस की पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उठाया बड़ा सवाल, कह दी ऐसी बड़ी बात

पंजाब कांग्रेस को असंतोष से जूझना पड़ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष चौधरी का दर्द फिर बाहर अाया है। उन्‍होंने कहा कि राहुल जी कार्यकताओं की निष्‍ठा को दौलत से न तोलें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 03:19 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 10:26 AM (IST)
राहुल गांधी पर कांग्रेस की पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उठाया बड़ा सवाल, कह दी ऐसी बड़ी बात

होशियारपुर, [हजारी लाल]। लोकसभा चुनाव 2019 में पंजाब में मिशन 13 का लक्ष्‍य लेकर सक्रिय कांग्रेस को 'गृह कलह' भारी पड़ सकती है। पार्टी के कई वरिष्‍ठ नेताओं ने कांग्रेस प्रत्‍याशियों की घोषणा के साथ ही खुकर नाराजगी जताई। इनमें से कुछ को मना लिया गया और कई अब भी नाराज हैं। हाेशियारपुर से  टिकट कटने से नाराज चल रहीं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष चौधरी का दर्द फिर फूटा है। वह निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ने को राजी हो गईं हैं, लेकिन कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख कर बड़ी बात कह दी है। उन्‍होंने बड़ा सवाल उठाते हुए लिखा है- राहुल जी वफादार कार्यकर्ताओं की निष्‍ठा दौलत से न तोलें।

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संतोष चौधरी ने राहुल के नाम चिट्ठी लिखी, बोलीं- राहुल जी, वफादार वर्करों की निष्ठा को दौलत से न तोलें

संतोष चौधरी का गुस्‍सा और दर्द इससे पहले भी सामने आया था। वह अपना टिकट कटने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान रो पड़ी थीं। उनके बागी तेवर को देखते हुए कयास लगाए जाने लगे कि वह निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में चुनाव लड़ सकती हैं। उन्‍होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाने का निर्णय किया, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम खुला पत्र लिखकर अपने दिल का दर्द बयां किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि आपसे अनुरोध है कि भविष्य में वफादार कार्यकर्ताओं की निष्ठा को धन-दौलत न तोला जाए। समर्थक उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन उन्हें उन्होंने मना लिया है। इसीलिए यह फैसला किया है।

संतोष चौधरी ने आगे लिखा है, वह लंबे समय से राजनीति में हैं। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिला था। कांग्रेस केटिकट पर चुनाव लड़कर उन्हें जीत दर्ज की थी। पत्र में उन्होंने अपने कार्यों का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि 2014 में धन बल के सहारे कुछ स्वार्थी लोगों ने अहंकार में एक दलित महिला सांसद एवं मंत्री को चुनावी दंगल से बाहर कर दिया। उस वक्त टिकट कटने का उन्हें बहुत दर्द हुआ, लेकिन सोनिया गांधी के आश्वासन पर उन्होंने विरोध नहीं किया था। पार्टी की सच्ची सिपाही बनकर पार्टी की गतिविधियों को जारी रखा।

पत्र में लिखा- समर्थक चाहते थे निर्दलीय चुनाव लडूं, लेकिन मैंने मना कर दिया

उन्‍होंने पत्र में लिखा है, 'पिछले विधानसभा चुनाव में उनके पति चौधरी राम लुभाया का टिकट काट दिया गया था। इस गम में उनको  दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई। परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। इस लोकसभा चुनाव में मैं टिकट की प्रबल दावेदार थी। क्षेत्र के लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि मुझे टिकट मिलेगा, लेकिन फिर टिकट काट दिया गया। इससे जनता को समझ आ गया कि वफादारी, ईमानदारी का युग खत्म हो गया है। अब केवल दौलत ही सर्वोपरि है।'

संतोष चौधरी का पत्र।

संतोष चौधरी ने पत्र में लिखा है, ' मैं आजाद चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन टिकट कटने की जो पीड़ा पहुंची है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। अनुरोध है कि भविष्य में वफादार कार्यकर्ताओं को धन दौलत न तोला जाए।' गौरतलब है कि टिकट कटने के बाद संतोष चौधरी ने आजाद चुनाव लडऩे की धमकी दी थी। 27 दिनों तक राजनीतिक घटनाक्रम चलता रहा।

डॉ. राजकुमार चब्‍बेवाल ने ली राहत की सांस

दूसरी ओर, संतोष चौधरी के चुनाव न लड़ने का एलान करने से सबसे कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. राज कुमार चब्‍बेवाल ने राहत की सांस ली है। उन्हें इस बात का डर था कि अगर संतोष चौधरी कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ती हैं, तो निश्चित तौर पर चुनावी समीकरण गड़बड़ा सकता है।

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शमशेर सिंह दूलो पर भी कांग्रेस में खींचतान

दूसरी ओर, राज्यसभा समदस्य शमशेर सिंह दूलो को लेकर भी कांग्रेस के अंदर खींचतान चल रही है। सोमवार को ही पंजाब प्रदेश काग्रेस कमेटी के चेयरमैन लाल सिंह ने उनसे पार्टी व राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को कह डाला। उधर पार्टी हाईकमान की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की सूची में दूलो का भी नाम शामिल था। इस्तीफे की मांग को लेकर दूलो ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गौरतलब है कि दूलो की पत्नी हरबंस कौर दूलो व बेटे बनदीप सिंह दूलो आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। दूलो भी जल्द ही कुछ धमाका करने की बात कह चुके हैं।

पार्टी उम्मीदवार को पहचानने से इन्कार कर चुके हैं दूलो

दूलो ने फतेहगढ़ साहिब सीट से लड़ रहे पार्टी उम्मीदवार डॉ. अमर सिंह के बारे में कहा था कि वह नहीं जानते कि अमर सिंह कौन है? न ही वह उनके लिए प्रचार करेंगे। लाल सिंह ने उनके इस बयान पर कहा है कि सांसद दूलो का यह व्यवहार सही नहीं है। पार्टी ने उनके लिए सब कुछ किया है। 1992 की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जबकि 1999 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें संसदीय सीट रोपड़ का टिकट दिया जिसमें वह विजयी हुए। वह यह तक भूल गए कि पार्टी ने उन्हें प्रदेश का प्रधान भी बनाया था।


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