मंड क्षेत्र के किसान ने की बैठक, कहा-मुकेरियां शुगर मिल को ही बेचेंगे अपना गन्ना
विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर व इंदौरा में पड़ते मंड क्षेत्र के 37 गांवों के 753 से अधिक किसान कुल 5000 एकड़ भूमि पर गन्ने की काश्त करते आ रहे है। क्षेत्र में अन्य फसलों के मुकाबले अधिकतर किसान गन्ने की फसल की ही काश्त करते है।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : पंजाब हिमाचल प्रदेश सीमा पर स्थित गांव ठाकुरद्वारा में समूचे मंड क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसानों ने बैठक की। इसमें विभिन्न स्थानों से आए किसानों ने बताया कि इंडियन सुक्रोज गन्ना मिल मुकेरियां वर्ष 1992 से हिमाचल के किसानों से गन्ना खरीदती आ रही है। विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर व इंदौरा में पड़ते मंड क्षेत्र के 37 गांवों के 753 से अधिक किसान कुल 5000 एकड़ भूमि पर गन्ने की काश्त करते आ रहे है। क्षेत्र में अन्य फसलों के मुकाबले अधिकतर किसान गन्ने की फसल की ही काश्त करते है। जब शुगर मिल मुकेरियां ने किसानों को गन्ना बीजाई के लिए सब्सिडी पर गन्ने का बीज, खादें और कीटनाशक दवाई देना शुरू किया तो मंड के किसानों का गन्ने की बिजाई की ओर रुझान बढ़ा। आज 5000 एकड़ से अधिक भूमि पर गन्ने की काश्त यहां के किसान कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों ने क्षेत्र के किसानों को मुकेरियां शुगर मिल के खिलाफ गुमराह करना शुरु कर दिया। किसानों को तरह तरह के प्रलोभन देकर पंजाब के अमृतसर में स्थित एक गन्ना मिल का धर्मकांटा मंड सनोर में स्थापित कर अमृतसर की मिल में गन्ना बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिसका किसानों ने विरोध किया। किसानों ने कहा कि अगर मुकेरियां मिल की मंड से दूरी मापी जाए तो मात्र 10 से 12 किलोमीटर है, जबकि अमृतसर की दूरी 120 से 150 किलोमीटर है। कुछेक किसान अपने निजी आर्थिक लाभ लेने के लिए ही मंड में धर्मकांटा लगाने पर जोर दे रहे हैं। क्षेत्र में दूसरी मिल के हस्तक्षेप के चलते मुकेरिया मिल ने किसानों को गन्ना बेचने ले जाने के लिए दी जाने बाली गन्ना पर्ची को भी बंद कर दिया है। इससे किसानों में चिंता की लहर व्याप्त है। मुकेरिया शुगर मिल के समर्थन में मंड में एकत्रित हुए इंदौरा खंड व जिला नूरपुर किसान मोर्चा के महामंत्री जयदीप राणा व जसविदर मोनू किसान कुलदीप चंद सहित दर्जनों किसानों ने बैठक के दौरान कहा कि जब तक मंड क्षेत्र में हिमाचल सरकार अपनी गन्ना मिल नहीं खोल लेती तब तक किसान मुकेरियां मिल के साथ ही जुड़े रहना चाहते हैं।