जीवन के लिए सृष्टि में एकमात्र ग्रह धरती है : महेश शर्मा
विश्व पर्यावरण दिवस लगभग 100 से भी अधिक देशों के लोगों की तरफ से मनाया जाता है। इसकी घोषणा और स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से 1972 में हुई थी हालांकि इस कार्यक्रम को हर साल मनाने की शुरुआत 1973 से हुई।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : विश्व पर्यावरण दिवस लगभग 100 से भी अधिक देशों के लोगों की तरफ से मनाया जाता है। इसकी घोषणा और स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से 1972 में हुई थी, हालांकि इस कार्यक्रम को हर साल मनाने की शुरुआत 1973 से हुई। इसका वार्षिक कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित विशेष थीम या विषय पर आधारित होता है। दैनिक जागरण के साथ दातारपुर के सेंट मेरी स्कूल भटोली के एमडी महेश शर्मा ने पर्यावरण दिवस पर भेंट वार्ता में उक्त चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस अभियान के आयोजन के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र लोगों को पर्यावरण के बारे में जागरूक करता है। महेश शर्मा ने कहा, इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन पूरे विश्व में किया जाता है। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए अन्य प्रकार की प्रदर्शनियां भी आयोजित होती हैं। बरसात में स्कूल परिसर में दो पीपल के पौधे, दो नीम व दो आंवले के पौधे रोप जाएंगे और उनका हर प्रकार से पोषण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त रेन वाटर हार्वेस्टिग के तहत बारिश के पानी को सहेजा जाएगा।
अलग-अलग गांवों में किया पौधारोपण: पंकज
संवाद सहयोगी, मुकेरियां : विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में हरियावल पंजाब की ओर से अलग अलग गांवों में जिला संयोजक पंकज जम्बाल की अगुवाई में पौधे लगाए गए। पंकज जम्बाल ने कहा कि पूरा विश्व बढ़ रहे प्रदूषण से चितित है व भारत भी इससे अछूता नहीं है। आधुनिक दौर में जैसे-जैसे शहर विकसित हो रहे हैं, हरियाली कम और कंक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं वैसे ही हर साल प्रदूषण के मामले में बढ़ोतरी हो रही है। यदि हम अभी से नहीं चेते तो आने वाले कुछ साल में साफ हवा में सांस लेने के लिए पहाड़ों की ओर रूख करना पड़ेगा। हम सभी को पौधारोपण का प्रण लेना चाहिए ताकि आने वाली पीढि़यों को साफ सुथरी हवा मिल सके । इस अवसर पर सरपंच गोपाल मिन्हास, मनजीत सिंह, बूटा सिंह, सरपंच प्रताप सिंह, अमन, अनूप सिंह उपस्थित थे।