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बारिश ने मौसम में बढ़ाई ठंडक, आलू-मटर उत्पादक किसानों में छाई चिंता

शनिवार रात को हुई बारिश ने मौसम में तब्दीली ला दी है। इस बारिश ने जहां मौसम में ठंडक बढ़ा दी है वहीं किसानों के लिए खासतौर पर मटर व आलू उत्पादक किसानों के लिए यह बारिश परेशानी का सबब बन गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 10:20 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:20 PM (IST)
बारिश ने मौसम में बढ़ाई ठंडक, आलू-मटर उत्पादक किसानों में छाई चिंता
बारिश ने मौसम में बढ़ाई ठंडक, आलू-मटर उत्पादक किसानों में छाई चिंता

जागरण टीम, माहिलपुर, होशियारपुर : शनिवार रात को हुई बारिश ने मौसम में तब्दीली ला दी है। इस बारिश ने जहां मौसम में ठंडक बढ़ा दी है, वहीं किसानों के लिए खासतौर पर मटर व आलू उत्पादक किसानों के लिए यह बारिश परेशानी का सबब बन गई। धान की तैयार फसल के लिए भी यह बहुत ही घातक है। बारिश ने खड़ी फसल को तो नुकसान पहुंचाया ही है, फसल में नमी की मात्रा में भी बढ़ोतरी हो गई है। जिसका सीधा असर धान की कटाई पर पड़ेगा। अब कटाई कुछ दिनों के लिए (जब तक फसल सूख नहीं जाती) प्रभावित होगी। जिस कारण अगली फसल की बुआई भी देरी से हो पाएगी। बता दें कि गत रात पूरे जिले में कुल 23.05 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। किसानों के लिए जहां यह बारिश परेशानी का कारण बन गई है, वहीं डेंगू की रोकथाम में यह काफी सहायक साबित होगी। यदि मौसम में इसी प्रकार ठंडक बनी रही तो दिनोंदिन पांव पसार रहे डेंगू के आतंक से निजात मिलने की संभावना है। चिकित्सकों की मानें तो इस बरसात के बाद तापमान में आई गिरावट के कारण डेंगू का मच्छर पनप नहीं पाएगा। परंतु इस बीच यदि धूप खिलती है और तापमान पहले की भांति 20 डिग्री से ऊपर रहता है, तो डेंगू और तेजी से फैलेगा। कुल मिलाकर यदि तापमान पहले की तरह ही बना रहता है, तो लोगों को इसके प्रति अधिक गंभीरता से कदम उठाते हुए अपने आसपास जमा बरसाती पानी को किसी भी तरह खत्म करना होगा। 23 एमएम हुई बारिश, मुकेरियां में सबसे अधिक 37 एमएम

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जानकारी के अनुसार जिले में कुल 23.05 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। इस संबंधी जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी डा. सुरिदर सिंह ने बताया कि होशियारपुर में 21 एमएम, दसूहा में 18 एमएम, गढ़शंकर में 18 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। जबकि सबसे अधिक बरसात मुकेरियां में 37 एमएम रिकार्ड की गई है। चूंकि मुकेरियां के इलाके में गन्ने की फसल अधिक होती है इसलिए यह बरसात गन्ने की फसल के लिए काफी लाभदायक साबित होगी। आलू व मटर को होगा नुकसान, धान की कटाई भी होगी प्रभावित

पंजाब में सबसे अधिक आलू व मटर की फसल हलका चब्बेवाल में पैदा होती है। इस दौरान आलू व मटर की बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है। यह बारिश इन दो फसलों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हुई। कई एकड़ रकबा बारिश के कारण जलमग्न हो गया। जो आने वाले दिनों में आलू व मटर के उत्पादन पर सीधा असर दिखाएगी। बता दें कि मटर की देश में सबसे बड़ी मंडी चब्बेवाल में है। मटर के सीजन में पूरे देश में यहीं से सबसे अधिक मटर सप्लाई होती है। मटर की पैदावार पर इस बिन मौसमी बारिश का असर देखने को मिल सकता है। वहीं कुछ और सीजनल सब्जियों के उत्पादन पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। कृषि अधिकारी डा. सुरिदर सिंह ने बताया कि धान की फसल तैयार है और कटाई चल रही है। रात को हुई बरसात व तेज हवा के कारण कई खेतों में धान की फसल बिछ चुकी है। इस कारण धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। धान की कटाई अब कुछ दिनों तक बुरी तरह से प्रभावित होगी।

दोआबा क्षेत्र में सितंबर माह के दूसरे हफ्ते से चब्बेवाल और गढ़शंकर क्षेत्र के किसान अपने खेतों में अगेती फसल के रूप में आलू और मटर की बुआई कर देते है। जिसके फलस्वरूप उन्हें अपनी उपज का अच्छा मूल्य प्राप्त होता है। किसानों ने आलू व मटर के बीज महंगे भाव पर खरीदकर अच्छी पैदावार और बढि़या मूल्य मिलने की उम्मीद से बुआई की थी। लेकिन शनिवार रात से हो रही लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया। मूसलाधार बारिश के कारण उनके की तरफ से बोई हुई मटर और आलू की फसल बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है। किसान हरविदर सहोता, हरजोत सिंह, नंगल खिलाड़िया के सरबजीत सिंह, हरजिदर सिंह व अमनदीप सिंह नंबरदार ने कहा कि बारिश से किसानों को नुकसान पहुंच सकता है। महंगे दामों पर बीज खरीद कर फसल बोई गई थी, अगर फसल बर्बाद हो गई तो किसान कर्ज के बोझ के तले दब जाएंगे। इस बारिश के हर प्रकार की फसल धान, कमाद, पेठा, सब्जियों के साथ साथ किसानों की तरफ से बोई मटर और आलू की फसल पूरी तरह से बर्बाद होने का अंदेशा जताया। करवाचौथ की मेहंदी को भी कर गई प्रभावित

रविवार को करवाचौथ का व्रत होने के चलते शनिवार को हर साल की तरह घंटाघर मार्केट व अन्य ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं की लंबी कतार मेहंदी लगवाने के लिए लगी हुई थी। आम तौर पर घंटाघर मार्केट में देर रात तक महिलाएं मेहंदी लगाने के लिए आती हैं। लेकिन शनिवार रात नौ बजे से खराब हुए मौसम ने मेहंदी मार्केट को बुरी तरह से प्रभावित किया। मूसलाधार बारिश ने सारी मेहंदी मार्केट चौपट कर दी। बता दें कि करवाचौथ से एक रात पहले मेहंदी लगाने वाले जमकर कमाई करते हैं। परंतु इस बार बारिश ने सारी तैयारियों को धो डाला। कुछ महिलाओं ने घर में ही शगुन के तौर पर मेहंदी लगाकर काम चलाया। कुल मिलाकर बारिश ने करवाचौथ के मौके पर महिलाओं की मेहंदी की रस्म को किरकिरा कर दिया।


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