दम तोड़ रहा व्यापार, दुकानदारों में टेंशन बरकरार
कोरोना महामारी के चलते पिछले साल लगे लाकडाउन से दुकानदार अभी उबरे भी नहीं थे कि इस साल दूसरी लहर ने व्यापार की कमर को तोड़ कर रख दिया है।
संवाद सहयोगी, गढ़दीवाला : कोरोना महामारी के चलते पिछले साल लगे लाकडाउन से दुकानदार अभी उबरे भी नहीं थे कि इस साल दूसरी लहर ने व्यापार की कमर को तोड़ कर रख दिया है। बाजारों में दम तोड़ रहा व्यापार और टेंशन में दुकानदारों की हालत सांप के मुंह में किरली जैसी हो गई है। इसका असर मीडियम एवं मध्यम वर्गीय दुकानदारों पर देखने को मिला रहा है। ऐसी हालत में सरकार की तरफ से दुकानदारों को कोई राहत नहीं मिल रही है। इससे प्रत्येक दुकानदार हाताशा और निराशा के आलम में है। बाजार में चौपट हो रहे व्यापार से दुकानदारों को कर्मचारियों के वेतन, बिजली के बिल, घर के खर्चों के अलावा अन्य खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। कई दुकानदारों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि सरकार इस महामारी से बचने के लिए लाकडाउन लगाकर जहां लोगों को सुरक्षित कर रही है, वहीं विपदा की घड़ी में दुकानदारों कोई राहत नहीं दे रही है। सरकार दुकानदारों से बिजली के बिल, हाउस टैक्स, वाटर सप्लाई, सीवरेज के बिलों के अलावा ब्याज वसूल रही है। इस नाजुक घड़ी में सरकार को उक्त सभी टैक्सों से दुकानदारों को कुछ छूट अवश्य देनी चाहिए, लेकिन सरकार के पास जख्मों पर मरहम पट्टी करने की शायद कोई दवा नहीं है। दुकानदारों ने कहा कि इस दौर में उत्तम नौकरी, मध्यम खेती एवं नखिद व्यापार की कहावत चरितार्थ हो रही है। यदि महामारी का सिलसिला साल दर साल इसी तरह चलता रहा तो दिहाड़ी लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। दुकानदारों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि टैक्सों में राहत प्रदान की जाए।