कुपोषण से मानसिक व शारीरिक विकास होता है अवरुद्ध : सैनी
धर्म जागरण समन्वय की तरफ से सेवा बस्ती में भोजन वितरण किया गया। इस अवसर पर धर्म जागरण के जिला संयोजक कुलदीप सैनी ने कहा कि विकास की परिभाषा का मूल उद्देश्य समाज को एक समतामूलक बेहतर स्थिति प्रदान करना है। हमें यह स्वीकार करना होगा कि पोषण की कमी से एक व्यक्ति का मानसि
जेएनएन, होशियारपुर
धर्म जागरण समनव्य की तरफ से सेवा बस्ती में भोजन बांटा। इस अवसर पर धर्म जागरण के जिला संयोजक कुलदीप सैनी ने कहा कि विकास की परिभाषा का मूल उद्देश्य समाज को एक समतामूलक बेहतर स्थिति प्रदान करना है। हमें यह स्वीकार करना होगा कि पोषण की कमी से एक व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक विकास वंचित होता है। हमारे देश में कई बच्चों का जन्म के समय ही वजन ढाई किलो से कम होता है। जिसके कारण उनकी दिमागी संरचना का विकास नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। इसी कारण उसके सीखने और समझने की ताकत नहीं बढ़ पाती है। ऐसे में जब हम इन बच्चों की शिक्षा की बात करते हैं, तो वह वास्तव में पोषण की कमी के फलस्वरूप शिक्षा से विकास की सोच बेमानी हो जाती है। स्पष्ट रूप से पोषण की कमी से सीखने की क्षमता बहुत कम होती है। जिससे बच्चे मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था में टिक नहीं पाते हैं और जब वह शिक्षा व्यवस्था से बाहर हो जाते हैं, तो उन्हें सीखने के अवसर भी नहीं मिलते हैं। जिससे उन्हें भविष्य में रोजगार आजीविका की असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। यह असुरक्षा उन्हें और ज्यादा गंभीर कुपोषण की दिशा में बढ़ाती है। एक तरह से यहीं से कुपोषण एक दुष्चक्कर का रूप ले लेता है।
इस अवसर पर रामपाल, अश्वनी वमर, मुख्तियार चांद, शिवनंदन, नितिन, नीरज, विवेक निशांत, दक्ष सैनी, सोनू जोशी व जस¨वदर सैनी उपस्थित थे।