Move to Jagran APP

हफ्ता से आशीर्वाद: सड़कों पर दौड़ रहे कागजों में डेथ करार टेंपो

सड़क पर चलने के लिए न परमिट और न ही इंश्योरेंस फिर भी मनमाने ढंग से सवारियां ढोने में कागजों में डेथ करार टेंपो पीछे नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 01:40 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 01:40 AM (IST)
हफ्ता से आशीर्वाद: सड़कों पर दौड़ रहे कागजों में डेथ करार टेंपो
हफ्ता से आशीर्वाद: सड़कों पर दौड़ रहे कागजों में डेथ करार टेंपो

हजारी लाल, होशियारपुर

loksabha election banner

सड़क पर चलने के लिए न परमिट और न ही इंश्योरेंस, फिर भी मनमाने ढंग से सवारियां ढोने में कागजों में डेथ करार टेंपो पीछे नहीं है। हालांकि इन्हें न चलने देने के लिए हाई कोर्ट ने भी आदेश दे रखा है, मगर इनके गिरेबान पर हाथ डालने वाला आरटीए डिपार्टमेंट अंधा बना हुआ है। बिना परमिट और बिना इंश्योरेंस के टेंपो हफ्ता के आशीर्वाद से बेझझिक सवारियां ढो रहे हैं। दो दर्जन से ज्यादा ऐसे टेंपो शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

इसलिए सब जानते हुए भी विभागीय अधिकारी इनकी तरफ देखते तक नहीं हैं। नियमों को ताक पर रखकर चल रहे टेंपो ही इस बात पर मुहर लगाते हैं कि सब कुछ सेटिग से चल रहा है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर जिला ट्रांसपोर्ट विभाग इन पर कार्रवाई क्यों नहीं करता है। सवाल खुद-ब-खुद खड़ा हो जाता है कि अगर आरटीए डिपार्टमेंट सच्चा है तो ऐसे वाहनों को बाउंड क्यों नहीं किया जाता।

उदासीनता के आलम में खासकर यही टेंपो क्षमता से अधिक सवारियां लेकर चलते हैं। अधिकांश के पास न परमिट, न आरसी और न ही इंश्योरेंस है। मगर इन्हें पूछने वाला कोई नहीं होता। जबकि आरटीए अधिकारी व पुलिस अकसर वाहनों को उनसे आरसी, इंश्योरेंस व एनओसी, प्रदूषण सर्टिफिकेट आदि चेक करता नजर आता है।

अन्य वाहनों के कागजात न होने पर उन्हें बाउंड तक कर दिया जाता है। चालान काटना तो रुटीन में शामिल होता है। शहर में चल रहे दो दर्जन के करीब टेंपो तो जुगाड़ू सिस्टम से चल रहे हैं। इनके स्टेयरिग व गिअर की कमांड भी रामभरोसे होती है। भारी भरकम धुआं निकलने से पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है। सड़कों पर इनकी वजह से हादसे भी होते रहते हैं, क्योंकि यह पीछे तक सवारियों को बिठाने में गुरेज नहीं करते।

गढ़शंकर, माहिलपुर और टांडा उड़मुड़ में भी चल रहे टेंपो

ऐसे टेंपो पर सफर करने वालों की जान तो जोखिम में रहती है। साथ में दूसरे वाहन चालकों के लिए भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। होशियारपुर शहर ही नहीं, गढ़शंकर, माहिलपुर और टांडा उड़मुड़ के आसपास भी बिना परमिट और बिना इंश्योरेंस के टेंपो सवारियां ढो रहे हैं। चालकों की पुलिस के साथ मिलीभगत

इस खेल में जिला ट्रांसपोर्ट कार्यालय की तो मिलीभगत झलकती ही है, साथ में ट्रैफिक पुलिस की भी नीयत साफ नहीं है। चौकों पर खड़े होकर ट्रैफिक पुलिस दोपहिया वाहनों का चालान काटने में मस्त रहती है और क्षमता से अधिक सवारियां भरकर टेंपो दनदनाते रहते हैं, क्योंकि टेंपो चालकों की ट्रैफिक पुलिस मुलाजिमों के साथ भी मिलीभगत है। चालकों के खिलाफ लिया जाएगा सख्त एक्शन: टीआइ

ट्रैफिक इंचार्ज तलविदर कुमार ने कहा कि ऐसे वाहनों की चेकिग में और ज्यादा सख्ती की जाएगी। जो भी टेंपो नियमों पर खरे उतरते नहीं पाए गए, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.