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ओवरलोड भागते हैं शहर की सड़कों पर वाहन, ट्रैफिक सिस्टम हुआ फेल

शहर में ट्रैफिक वयवस्था को सुचारु बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिशानिर्देश तो जारी होते रहते हैं। मगर उन्हें अमली जामा पहनाए जाने की कोई कवायद होती नजर नहीं आ रही। वहीं सिटी ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर में ट्रैफिक को सुधारने के लिए बड़े बड़े दावे किए जाते हैं। कि शहर में ट्रैफिक नियमों की पालना को यकीनी

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 04:19 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 04:19 PM (IST)
ओवरलोड भागते हैं शहर की सड़कों पर वाहन, ट्रैफिक सिस्टम हुआ फेल
ओवरलोड भागते हैं शहर की सड़कों पर वाहन, ट्रैफिक सिस्टम हुआ फेल

व¨रदर बेदी, होशियारपुर

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शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिशा-निर्देश तो जारी होते रहते हैं। मगर, उन्हें अमलीजामा पहनाए जाने की कोई कवायद होती नजर नहीं आ रही है। वहीं सिटी ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर में ट्रैफिक को सुधारने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन यकीनी बनाया जाएगा और इनका उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। मगर, यह सारी कार्रवाई हकीकत से कोसों दूर नजर आ रही है। शहर में चलने वाले सवारियां ढोने वाले टेंपों व बस चालक ट्रैफिक पुलिस के सभी दावों की हवा निकालते नजर आते हैं। वैसे ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर राहगीरों को सेफ्टी का पाठ भी पढ़ाया जाता है। मगर, इस कार्रवाई को महज खानापूर्ति कहना कुछ गलत नहीं होगा। हालांकि करीब चार साल पहले हाईकोर्ट ने भी दिन-प्रतिदिन होने वाले सड़क हादसों का कड़ा संज्ञान लेते हुए राज्य के सभी ट्रैफिक अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए थे कि ट्रैफिक नियमों का पालन यकीनी बनाया जाए। बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते कुछ लोग इसका फायदा उठा रहे हैं।

ट्रैफिक पुलिस के सभी दावों की हकीकत जानने के लिए जागरण टीम द्वारा शहर के बस स्टैंड रोड व हरियाना रोड का दौरा किया गया, तो हकीकत कुछ और ही नजर आई। शहर के बस स्टैंड रोड पर मिनी बस में ठूंस-ठूंस कर सवारियां भरी होने के बावजूद उसमें और सवारियां चढ़ाई जा रही थी। जिस वजह से कई सवारियां बस के दोनों दरवाजों के बाहर ही लटक रही थीं। वहीं दूसरी ओर शहर को हरियाना रोड से जोड़ते भंगी पुल पर सवारियां ढोने वाले टेंपो के बाहर व छत पर स्कूली छात्र बैठे नजर आए। गौरतलब है कि यह एक दिन का नहीं बल्कि आमतौर पर शहर की सड़कों पर ऐसा नजारा आम देखा जा सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि थोड़े से मुनाफे के चक्कर में टेंपो व बस चालक सवारियों की जान खतरे में डालने से गुरेज नहीं करते। इसी तरह ओवरलोड बसें व टेंपो रोजाना चौकों से भी गुजरते हैं। मगर, चौकों में तैनात ट्रैफिक कर्मी ऐसे चालकों पर कार्रवाई करने की बजाए दोपाहिया वाहन चालकों के चालान काटने तक को ही अपनी डयूटी समझते है।

बताते चलें कि शहर में रोजाना बस व सवारियां ढोने वाले टेंपो क्षमता से दोगुणा सवारियां ढोते हैं। मगर, पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते वाहन चालकों द्वारा सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। हालांकि, शहर के चौकों में ट्रैफिक पुलिस कर्मी भी मौजूद रहते हैं। फिर भी टेंपों व बस चालक नियमों को ताक पर रख कर बेखौफ होकर क्षमता से दोगुणा सवारियां ढोते रहते हैं। ऐसा करके वे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन तो करते ही हैं, साथ में सवारियों की जान भी जोखिम में डालते हैं। ऐसे में इन बस व टेंपों चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, यह बात समझ से परे है।

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सख्ती बरती जाएगी : टीआइ तल¨वदर कुमार

सिटी ट्रैफिक इंचार्ज तल¨वदर कुमार का कहना है कि वह चुनावी ड्यूटी पर हैं। वीरवार को वह खुद इस बारे में ध्यान देंगे। वैसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती बरती जाती है। क्षमता से ज्यादा सवारियां ढोने वाले टेपों व बस चालकों के चालान काटे जाते हैं। फिर भी कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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