Move to Jagran APP

चार घंटे तक खंगाले बाल मजदूर, रिकवर पांच

दैनिक जागरण द्वारा बाल श्रम को लेकर उठाए मुद्दे के बाद प्रशासन की आखिरकार नींद खुल गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 12:30 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 12:30 AM (IST)
चार घंटे तक खंगाले बाल मजदूर, रिकवर पांच
चार घंटे तक खंगाले बाल मजदूर, रिकवर पांच

संस, होशियारपुर : दैनिक जागरण द्वारा बाल श्रम को लेकर उठाए मुद्दे के बाद प्रशासन की आखिरकार नींद खुल गई। मामला सामने आते ही डीसी ईशा कालिया हरकत में आ गईं और उन्होंने तुरंत टीम का गठन कर इलाके में बाल मजदूरों को रिकवर करने के लिए अभियान चलवा दिया। लगभग चार घंटे तक चले इस अभियान में शहर के विभिन्न दुकानों से पांच बच्चे रिकवर किए गए। जब प्रशासन ने अभियान चलाया तो अन्य दुकानदारों को इसकी भनक लग गई और कुछ ने तो बच्चे छुट्टी हो गई कहकर दुकानों से भगा दिए। जानकारी अनुसार जब अभियान शुरू हुआ तो दुकानदारों में हड़कंप मच गया और उन्होंने बच्चों को इधर उधर कर दिया। सात मेंबरी टीम ने जब बाजारों में अलग अलग दुकानों पर जांच शुरू की तो कई जगहों पर मामला साफ पाया गया और जिनको भनक नहीं लगी उनकी दुकानों से बच्चे रिकवर किए गए। सूत्रों के अनुसार सराफा बाजार में ही लगभग 65 बच्चे बाल मजदूरी करते हैं और जिनके यहां बाल मजदूरी होती है वह इलाके के गणमान्य व करोड़पति लोग हैं। सरकार के इस अभियान का क्या असर होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा परंतु एक बात तो यह है कि लोगों को यह अहसास हो गया कि यदि पकड़े गए तो खैर नहीं।

loksabha election banner

दुकानदारों ने फोन पर पास किए मैसेज

अभियान में प्रशासनिक टीम ने पांच बच्चों को रिकवर किया परंतु जब यह शुरू हुआ तो दुकानदारों ने एक के बाद एक फोन करने शुरू कर दिए। जानकारी अनुसार शहर के कई ऐसे घर हैं जिनमें बाल मजदूरी हो रही है। लेकिन प्रशासन यह दावे कर रहा है कि बाल मजदूरी पूरी तरह खत्म हो चुकी है। जब बच्चे रिकवर हुए तो प्रशासन के दावों की पोल खुल गई और सारे लोग हके बक्के रह गए कि इस मिनी कांशी धर्म की नगरी में यह जघन्य पाप हो रहा है।

2002 के बाद नहीं हुई कोई कार्रवाई

वर्ष 2002 में बाल मजदूरी का मुद्दा उठाया गया था तब जिला डीसी व एसडीएम और पुलिस प्रशासन की मदद से होशियारपुर से 890 बच्चों को जो दुकानों पर काम कर रहे थे, को वापस उनके गांव में भेजा गया था। जो दुकानदार इन बच्चों से काम करवाते थे, उनको जुर्माना भी हुआ था। उसके बाद कुछ समय तक तो सब ठीकठाक चलता रहा, लेकिन बाद में हालात पहले जैसे हो गए।

आगे भी होगा एक्शन : डीसी

इस संबंध में जब डीसी ईशा कालिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है। ऐसी कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी। उन्होंने बताया कि जिनके पास से बच्चे रिकवर हुए हैं उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।

चाइल्ड एक्ट के तहत सजा

लेबर ऑफिसर नवदीन ने बताया कि चाइल्ड एक्ट के तहत यदि कोई बच्चों से मजदूरी करवाता पाया जाता है तो उससे 50 हजार रुपये तक हर्जाना व छह माह की सजा का प्रावधान है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.