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बाल मजदूरी से हो रहा राइट टू एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन

होशियारपुर शिक्षा जीवन का अभिन्न अंग है। इसके बिना मानव अधूरा है। फिर भ

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Feb 2018 02:58 AM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 02:58 AM (IST)
बाल मजदूरी से हो रहा राइट टू एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन
बाल मजदूरी से हो रहा राइट टू एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन

रजनीश गुलियानी, होशियारपुर

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शिक्षा जीवन का अभिन्न अंग है। इसके बिना मानव अधूरा है। फिर भी कुछ अभिभावक बच्चों को शिक्षा से वंचित कर उन्हें बाल मजदूरी में झोंक देते हैं, जबकि बाल मजदूरी को दूर करने और रोकने के लिए पूरे विश्व भर में मुहिम छिड़ी हुई है। बाल मजदूरी किसी भी देश के समाज के लिए अभिशाप है, क्योंकि इससे बच्चों का भविष्य खराब होता है। यही कारण है कि बाल श्रम के कारण विश्व के कई देश विकसित नहीं हो पा रहे हैं।

भारतीय कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी कारखाने, ऑफिस या होटल में काम करवाना अपराध है। ऐसा नहीं है कि इस मामले में प्रशासन कुछ नहीं करता है, परंतु जो कुछ हो रहा है वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। इस बारे में समय-समय पर अधिकारियों की बैठकें भी होती रहती हैं कि बाल मजदूरी पर अंकुश लगाया गया है। मगर, जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई न होने के कारण आज भी जिले में बाल मजूदर देखे जा सकते हैं। ऐसा करके जहां इन बच्चों को अशिक्षित रखा जा रहा है, वहीं राइट टू एजुकेशन एक्ट सहित मानवाधिकार का भी उल्लंघन बार-बार हो रहा है।

होशियारपुर के लाजवंती आउटडोर स्टेडियम के सामने बसी झुग्गियों में 10 बच्चे अभी भी स्कूल जाने से वंचित है। कूड़ा कचरा बीनने वाले विशाल, करण व राजू ने बताया कि एक स्कूल मैं उनका दाखिला हो चुका है, लेकिन घर वाले उन्हें स्कूल की जगह काम पर भेजते हैं। कुछ ऐसा ही हाल सब्जी मंडी के सामने बसी झुग्गी-झोपड़ियों, दशहरा ग्राउंड के पास वाली झुग्गियों के बच्चों का भी है। जरूरत है इन बच्चों को मुख्यधारा के साथ जोड़ अनिवार्य रूप से स्कूल भेजा जाए।

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क्या कहते हैं शहर के गण्यमान्य

'बाल मजदूरी के खिलाफ और मजबूत तथा कड़े कानून बनाने चाहिए। जिसके चलते कोई भी बाल मजदूरी करवाने से डरे।'

-उद्योगपति, भरत गंडोत्रा।

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'आम नागरिकों को भी बाल मजदूरी के विषय में जागरूक होना चाहिए और अपने समाज में इसे होने से रोकना चाहिए।'

-व्यापारी, प्रकाश बंसल।

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'गरीब माता-पिता को भी बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। सरकारी स्कूलों में खाने सहित बहुत सी सुविधाएं बच्चों को दी जा रही है।'

-समाजसेवी, सुरेश बंसल।

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' कारखानों और दुकान वालों को प्रण लेना चाहिए कि वे किसी भी बच्चे से मजदूरी या श्रम नहीं करवाएंगे और काम करवाने वाले लोगों को रोकेंगे।'

-प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत, अर¨वद धीमान

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कार्रवाई की जा रही है, धीरे धीरे होगा सुधार : एसडीएम

इस संदर्भ में एसडीएम ज¨तदर ¨सह का कहना है कि प्रशासन द्वारा बाल मजदूरी रोकने के लिए बैठकें की जा र ही हैं। इस बारे में अन्य पहलू सामने आ रहे हैं, जिस पर कार्रवाई की जा रही है और इसमें जल्द ही सुधार किया जाएगा।


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