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बीएसएफ का घेरा बढ़ाकर केंद्र ने एक और काला कानून पंजाब पर थोपा : राणा गुरजीत सिंह

पंजाब के भूमि व जल सरंक्षण तकनीकी शिक्षा व रोजगार सृजन मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने आज यहां कहा कि बीएसएफ के 15 किलोमीटर घेरे को 50 किलोमीटर कर केंद्र सरकार ने पंजाब पर चौथा काला कानून थोपा है जिससे प्रदेश की तरक्की व विकास में रुकावट आएगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 10:15 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 10:15 PM (IST)
बीएसएफ का घेरा बढ़ाकर केंद्र ने एक और काला कानून पंजाब पर थोपा : राणा गुरजीत सिंह
बीएसएफ का घेरा बढ़ाकर केंद्र ने एक और काला कानून पंजाब पर थोपा : राणा गुरजीत सिंह

जागरण टीम, होशियारपुर : पंजाब के भूमि व जल सरंक्षण, तकनीकी शिक्षा व रोजगार सृजन मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने आज यहां कहा कि बीएसएफ के 15 किलोमीटर घेरे को 50 किलोमीटर कर केंद्र सरकार ने पंजाब पर चौथा काला कानून थोपा है, जिससे प्रदेश की तरक्की व विकास में रुकावट आएगी।

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भूमि व जल सरंक्षण विभाग की ओर से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जमींदोज पाइपों के माध्यम से शोधित पानी सिचाई के लिए सात गांवों के किसानों को मुहैया करवाने वाले 11.10 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखने के बाद राणा गुरजीत ने संबोधित करते हुए कहा कि पहले केंद्र सरकार ने किसानों पर तीन काले कानून थोपे हैं व अब बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने से एक और काला कानून पंजाब व पंजाबियों पर थोपा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के इस व्यवहार से न सिर्फ प्रदेश के सर्वपक्षीय विकास को चोट पहुंचेगी बल्कि पंजाब पर कर्जा और बढऩे के साथ-साथ, उद्योग व व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने से परिणामस्वरुप बेरोजगारी और बढ़ जाएगी।

पंजाब सरकार केंद्र के इस एक तरफा कानून का सख्त विरोध करेगी क्योंकि इस कार्रवाई से लोगों को दहशत के माहौल में रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र ने जबरदस्ती ऐसे फैसले लेने हैं तो उनकी ओर से 2011 में दिए गए प्रस्ताव अनुसार जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान व गुजरात के सीमावर्ती जिलों को विशेष पैकेज दिए जाने चाहिए व इन जिलों में कम से कम 10 वर्ष के लिए उद्योगों पर कोई टैक्स नहीं लगना चाहिए, सस्ती बिजली की उपलब्धता के साथ-साथ फ्रेट बराबरता भी लागू करनी चाहिए।

पंजाब के किसानों की हालत संबंधी बात करते हुए राणा गुरजीत सिंह ने केंद्र सरकार के लंबे हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र जानबूझ कर देश भर में प्रदर्शन कर रहे किसानों के हकों को नजरंदाज कर रहा है जबकि देश का किसान पिछले एक वर्ष से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी के नजदीक रोष प्रकट कर रहा है। राणा गुरजीत सिंह ने केंद्र को याद करवाया कि पंजाबियत का देश की आजादी के लिए संघर्ष में बेमिसाल योगदान रहा है व पंजाबी देश की सीमाओं पर मुल्क की एकता व अखंडता की रक्षा करने में अग्रणी रहने के साथ-साथ देश के अन्न भंडार को भरने में अहम भूमिका निभाते हैं।

गिर रहे जल स्तर पर चिता प्रकट करते हुए राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि पानी की सही संभाल के लिए तुपका सिचाई(ड्रिप इरीगेशन) एक मात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि पानी संभालने के लिए पंजाबियों खासकर किसानों को आगे आने की जरुरत है ताकि आनी वाली पीढिय़ों के लिए इस प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी से व पंजाब कैबिनेट में इस गंभीर मुद्दे को उठा कर ड्रिप इरीगेशन के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी की मांग करेंगे ताकि जल सरंक्षण के लिए उचित इंतजाम अमल में लाया जा सके। राणा गुरजीत सिंह ने बताया कि इजराइल की कंपनी की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार अगले 30 वर्षों तक पानी की जरुरते पूरी की जा सकती है व पानी को संभालने के लिए समूह लोगों की ओर से सांझे प्रयास की जरुरत है।

इस मौके पर अन्यों के अलावा विधायक सुंदर शाम अरोड़ा, मेयर सुरिदर कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष डा. कुलदीप नंदा, कार्यकारी अध्यक्ष जिला यूथ कांग्रेस कपूरथला हरनूर सिंह हरजी मान व अलग-अलग गांवों के सरपंच व निवासी मौजूद थे।


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