आखिर भारी पड़ी एंबुलेंस चालक की लापरवाही, नन्हीं बच्ची की गई जान
होशियारपुर सरकारी अस्पताल हाजीपुर में लगभग दो दिन पूर्व जन्म लेने वाली बच्ची
संवाद सहयोगी, होशियारपुर
सरकारी अस्पताल हाजीपुर में लगभग दो दिन पूर्व जन्म लेने वाली बच्ची को एंबुलेंस चालक की लापरवाही के चलते अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। हालांकि उसने ¨जदगी और मौत से काफी संघर्ष किया, लेकिन अंतत: वह हार गई और सरकारी अस्पताल होशियारपुर में रविवार तड़के उसके दम तोड़ दिया। इस मामले का कड़ा नोटिस लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. रेणु सूद ने जांच कमेटी बिठा दी है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार रात को सरकारी अस्पताल हाजीपुर में सीमा देवी (19) पत्नी मनोज कुमार हाल निवासी बंजार मुबारकपुर जिला ऊना हिमाचल प्रदेश (मूल निवासी यूपी, जिला बदायूं) ने 20 जुलाई को शाम सात बजे एक बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची के न रोने पर डॉक्टरों ने उसे जांच के लिए सरकारी अस्पताल मुकेरियां रेफर कर दिया। अस्पताल की तरफ से ही सरकारी एंबुलेंस का प्रबंध किया गया था। रात 9 बजे के करीब उसे हाजीपुर से सरकारी अस्पताल मुकेरियां के लिए एंबुलेंस से भेजा गया था। सरकारी अस्पताल मुकेरियां पहुंचे, तो पहले तो सरकारी अस्पताल में दाखिल होते ही उससे 300 रुपये ले लिए गए और कोई पर्ची भी नहीं दी गई। मुकेरियां अस्पताल में भी डॉक्टरों ने ऑक्सीजन न होने पर उक्त बच्ची की हालत को देखते हुए सरकारी अस्पताल होशियारपुर रेफर कर दिया।
इसके बाद उक्त बच्ची व उसकी मां को एंबुलेंस में बैठा कर एंबुलेंस चालक आराम से मुकेरियां अस्पताल से बाहर आ गया। और करीब साढे़ दस बजे वहीं मुकेरियां में बीच सड़क ही एंबुलेंस रोक कर कहने लगा कि अब आप नीचे उतर जाओ, यह एंबुलेंस होशियारपुर नहीं जाएगी। कोई रास्ता न देखकर सीमा के पति ने भट्ठा मालिक से होशियारपुर फोन पर बात की, तो उन्होने होशियारपुर से एक अन्य एंबुलेंस मुकेरियां के लिए भेजी। जिसमें सवार होकर वे शनिवार सुबह चार बजे सरकारी अस्पताल होशियारपुर पहुंचे, लेकिन तब तक बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब हो चुकी थी। बच्ची को दौरे पड़ने लगे थे। उसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। हालांकि उसे सरकारी अस्पताल के न्यू बॉर्न केयर यूनिट में (एनडब्ल्यूसीयू) में रखा गया था, लेकिन रविवार सुबह तड़के चार बजे उसने दम तोड़ दिया।