ब्रह्मज्ञान से होता है अज्ञानता का नाश : सुदीक्षा महाराज
ब्रह्मज्ञान की रोशनी से वर्षों का अंधेरा एक पल में समाप्त हो जाता है।
जेएनएन, होशियारपुर : ब्रह्मज्ञान की रोशनी से वर्षों का अंधेरा एक पल में समाप्त हो जाता है। जैसे एक कमरे में जितना समय भी अंधेरा रहा हो लेकिन जब एक दीया जल जाता है, तो सारा अंधेरा एक पल से समाप्त हो जाता है। वैसे ही इंसान के जीवन में जब यह ब्रह्मज्ञान की रोशनी जग जाती है, तो अज्ञानता रुपी अंधेरा एक पल में समाप्त हो जाता है। यह बात निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने स्कॉटलैंड में करवाए गए निरंकारी संत समागम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि संसार में हमें अच्छे इंसान भी मिलते है और बुरे भी। जहां से अच्छी शिक्षा मिलती है उसको ग्रहण कर लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, जब भी हम सत्संग में आए तो मन से वचनों को सुने। जब हम मन करके वचनों को सुनेंगे तभी जाकर वचनों को जीवन में ढाल सकते है। जब वचनों को ध्यान से सुनते है तो जिज्ञासा पैदा होती है और उसके बाद वचन जीवन में प्रकट होने शुरू हो जाते हैं।
सही कार्यो में करें दिमाग का प्रयोग
भगवान ने सभी को दिमाग दिया है, यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसे किन कार्यों के लिए प्रयोग करते है और कैसे करते है। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि एक छुरी अच्छी या बुरी चीज नहीं है लेकिन किस तरह से उसका प्रयोग हो रहा है, उससे वह अच्छी या बुरी बन जाती है। अगर डॉक्टर के हाथ में हो तो वह इंसानों को बचाने के लिए प्रयोग करता है, लेकिन वहीं अगर नफरत करने वाले के हाथ में होती है, तो वह उसका गलत इस्तेमाल करता है।