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हैप्पी सीडर से गेहूं की सीधी बिजाई करने से बढ़ती है पैदावार, डीजल भी बचता है

कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल के डायरेक्टर डॉ. मनिदर सिंह बोंस ने माहिलपुर ब्लॉक के गांव पंचनंगला के किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया और साथ ही पराली का खेतों में प्रबंधन करने के तरीके बताए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 04:56 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 07:06 PM (IST)
हैप्पी सीडर से गेहूं की सीधी बिजाई करने से बढ़ती है पैदावार, डीजल भी बचता है
हैप्पी सीडर से गेहूं की सीधी बिजाई करने से बढ़ती है पैदावार, डीजल भी बचता है

संवाद सहयोगी, माहिलपुर : कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल के डायरेक्टर डॉ. मनिदर सिंह बोंस ने माहिलपुर ब्लॉक के गांव पंचनंगला के किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया और साथ ही पराली का खेतों में प्रबंधन करने के तरीके बताए। केवीके बाहोवाल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मनिदर सिंह बौस व डॉ. अजायब सिंह ने बताया धान के खेतों में गेहूं की सीधी बिजाई करने से यहां गेहूं में उगने वाले नदीन कम उगते हैं, वहीं खेत की जुताई में डीजल की खपत कम होती है। उन्होंने बताया कि इस ब्लॉक में चार मशीनरी बैंक बनाए गए हैं, जिनमें से चक्क गुरु गांव भी शामिल हैं। किसान मशीनरी बैंक से उपलब्ध कराई गई मशीनों का लाभ उठा सकते हैं।

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आइसीएआर अटारी के डॉ. आशीष मुरारे व डॉ. निर्भय सिंह ने बताया कि पंचनंगला गांव के संजीव कुमार ने हैप्पी सीडर की सहायता से 10 एकड़ में गेहूं की बिजाई की है। वहीं जीवन सिंह ने 5 एकड़, कश्मीर सिंह ने 4 एकड़ व सतनाम सिंह ने 7 एकड़ जमीन में इस तकनीक से गेहूं की बिजाई करने का फैसला किया। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह खेतों में पराली को आग न लगाएं, बल्कि इन खेतों में हैपीसीडर की सहायता से गेहूं की बिजाई कर खेत जुताई में खर्च होने वाले डीजल की बचत करें। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से गेहूं की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से किसानों द्वारा धान की पराली को आग लगाने के कारण यहां यह समस्या गंभीर होकर सामने आई है, जिसके कारण इसके धुएं से वायु में जहरीली गैसों से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है, जिससे लोगों को आस्थमा और एलर्जी जैसी खतरनाक बीमारियां लग रही हैं। इसलिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना और खेतीबाड़ी विभाग पंजाब पराली प्रबंधन संबंधी विभिन्न तकनीकी योजनाएं चला रहा है। इसी मुहिम के तहत कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल और खेतीबाड़ी भलाई विभाग होशियारपुर ने लोगों को जागरूक किया।


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