गन्ना किसानों और मिल प्रबंधकों के बीच हुआ समझौता
प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मिल प्रबंधकों और किसान संगठनों के बीच गन्ने के भुगतान को लेकर समझौता हुआ। जिसके बाद मिल गेट के सामने संघर्ष खत्म करने का निर्णय लिया गया।
संवाद सहयोगी, मुकेरियां : शुगर मिल मुकेरियां के पास करीब 16 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान की मांग को लेकर पगड़ी संभाल लहर, अन्नदाता संघर्ष कमेटी, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी और पगड़ी संभाल जट्टा लहर द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुरू किया गया चक्का जाम वीरवार को भी जारी रहा। इस दौरान किसानों ने मिल प्रबंधकों सहित राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गन्ना काश्तकारों को तुरंत भुगतान करने की मांग की।
विभिन्न नेताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए मिल मालिकों के अड़ियल रवैये की कड़ी निदा की और कहा कि गन्ना उत्पादक सी•ान 2020-21 के बकाया की वसूली के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जबकि नए गन्ना सीजन के लिए चीनी मिलों को चलाने का समय भी आ गया है। नेताओं ने कहा कि गन्ने की फसल का समय पर भुगतान पाने के लिए किसान दिन-रात धरने पर बैठकर सड़कों पर धरना देने को मजबूर हैं, जिसके कारण किसानों ने गन्ने की फसल से मुंह मोड़ने का मन बना लिया है। किसान संघर्ष के कारण कभी सड़क जाम होता है तो कभी रेल रोके जाते हैं। बावजूद इसके समस्या का कोई ठोस समाधान निकालने की बजाय मिल मालिकों समेत सरकार व प्रशासन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही देता है।
इस दौरान अमरजीत सिंह ढाडेकटवाल, सतनाम सिंह बगड़ियां, गुरनाम सिंह जहानपुर, जत्थेदार हरबंस सिंह मंझपुर, शाम सिंह शामा, अवतार सिंह बाबी, विजय कुमार, सरपंच सौरव मन्हास बिल्ला, अर्जन सिंह कजला, जगदेव सिंह भट्टियां, बलविदर सिंह पनखूह, मास्टर स्वर्ण सिंह, समिन्दर सिंह मंझपुर, मनजिदर सिंह महिताबपुर, गुरमेल बब्बर, हरभजन सिंह मोहला, दर्शन सिंह छन्नी, नरिदर सिंह मुलतानी सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
एडीसी होशियारपुर दरबारा सिंह, एसडीएम मुकेरियां अशोक कुमार शर्मा, एसपी मनदीप सिंह, एसपी धर्मवीर सिंह, डीएसपी रविदर सिंह, तहसीलदार जगतार सिंह, एसएचओ करनैल सिंह ने किसानों और मिल प्रबंधकों के बीच समझौता कराने की का प्रयास किया लेकिन बाद दोपहर तक कोई भी फैसला नहीं हो पाया। वहीं शाम करीब पांच बजे प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मिल प्रबंधकों और किसान संगठनों के बीच गन्ने के भुगतान को लेकर समझौता हुआ। जिसके बाद मिल गेट के सामने संघर्ष खत्म करने का निर्णय लिया गया। इन बातों पर बनी सहमति
मिल प्रबंधकों और किसान संगठनों के बीच हुए लिखित समझौते के अनुसार 30 सितंबर और एक अक्टूबर को दोनों दिन ढाई-ढाई करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों के बैंक खातों में किया जाएगा। इसके साथ ही यह निर्णय लिया गया कि चार अक्टूबर को गन्ना उत्पादकों के खातों में कुल दो करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा और शेष राशि का भुगतान अगले दस दिनों में किया जाएगा। जिस पर किसान संगठन सहमत होते नजर आए।