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कोरोना काल में 25 फीसद पौधों का नहीं हुआ रोपण

बरसात के मौसम में पौधारोपण का सही समय होता है और इस मामले में होशियारपुर का वन्य विभाग बहुत होशियार है।विभाग ने तीन साल में लक्ष्य को बढ़ाया ही नहीं बल्कि उसे पूरा भी किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 07:34 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 07:34 AM (IST)
कोरोना काल में 25 फीसद पौधों का नहीं हुआ रोपण
कोरोना काल में 25 फीसद पौधों का नहीं हुआ रोपण

नीरज शर्मा, होशियारपुर

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बरसात के मौसम में पौधारोपण का सही समय होता है और इस मामले में होशियारपुर का वन्य विभाग बहुत होशियार है।विभाग ने तीन साल में लक्ष्य को बढ़ाया ही नहीं, बल्कि उसे पूरा भी किया है। इसी बीच, चौथे साल यानी 2020-21 में कोरोना काल के कारण 3.80 लाख के टारगेट में से 2,11,000 पौधे रोपे गए। मतलब कि 426 हेक्टेयर में 1.69 लाख पौधे कम लगे। दूसरी ओर, खास बात यह है कि सबसे अधिक पौधों का पालन पोषण कर उन्हें एक लेवल तक पहुंचाया जिसके बाद पौधा 70 से 85 फीसद तक खुद तैयार हुआ। यह पंजाब में शायद सबसे अधिक है। आप ऐसे समझ सकते हैं, उदाहरण के तौर पर एक इलाके में 100 पौधे लगाए जा रहे हैं तो उसमें से 85 पौधे पनप रहे हैं जो अपने आप में बड़ा रिकार्ड है और इसे 90 फीसद तक पहुंचाना विभाग का मकसद है। जिले में जिन इलाकों में पेड़ कम है वहां लगातार वन विभाग पौधारोपण कर रहा है। इसी के चलते विभाग द्वारा हर साल मानसून सीजन में टारगेट सेट किया जाता है और उस लक्ष्य को पूरा भी किया जाता है। लेकिन पिछले साल कोरोना की मार के कारण काफी परेशानी देखने को मिली क्योंकि लाकडाउन से सारे काम ठप थे। पंजाब में सबसे अधिक जंगलात के रकबे वाला हमारा जिला

आंकड़े के अनुसार पूरे पंजाब में वन रकबे में होशियारपुर नंबर वन कहलाता है। वन विभाग के मुताबिक क्षेत्रफल का एक तिहाई हिस्सा वन रकबे के अधीन आना चाहिए, यानी करीब 33 फीसद। ऐसा होने पर ही क्षेत्र नेशनल फारेस्ट पालिसी के मापदंड पर खरा उतरता है मगर होशियारपुर डिवीजन इससे बहुत आगे है। यहां वन रकबा 40 फीसद से ज्यादा है। हरियाली को डोज दे रहा है कंडी इलाका

अच्छी बात यह है कि होशियारपुर में कंडी इलाका ज्यादा है। इससे हिमाचल प्रदेश की सीमा के साथ पहाड़ियां हैं। इनमें पेड़ पौधे ज्यादा मात्रा में है। इन्हीं वजह से वन रकबा को मेंटेन करने में मदद मिल रही है और वन रकबा बढ़ रहा है। होशियारपुर वन रकबे के मामले में अव्वल स्थान पर है। वन विभाग जंगल में पेड़ों की देखभाल करता है। साथ में हर साल नए पौधे लगाने का लक्ष्य तय करता है। इतना ही नहीं, यहां के लोगों में भी पौधे लगाने का क्रेज है। जंगलों के साथ वाली जमीन पर भी मालिक हर साल पौधे लगाते हैं और उनके बड़े होने तक संभाल का भी बीड़ा उठाते हैं। चार साल की इस फिगर से समझें..टारगेट के हिसाब से कितने पौधे रोपे और कितने पेड़ बने

साल रकबा लक्ष्य पौधे रोपे इतने फीसद फले

2017-18 119 हेक्टेयर 1 लाख 1,04,000 67 फीसद

2018-19 334 हेक्टेयर 2.10 लाख 2,35,000 70 फीसद

2019-20 649 हेक्टेयर 3.75 लाख 4,00,000 73 फीसद

2020-21 426 हेक्टेयर 3.80 लाख 2,11,000 79 फीसद

2021-22 450 हेक्टेयर 3.10 लाख सीजन चालू है -----

कुल जोड़ 1978 हेक्टेयर 13.75 लाख 9,50,000 75 फीसद


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