ट्रेड यूनियनों का चक्का जाम आज, जनजीवन रहेगा ठप
जागरण संवाददाता, होशियारपुर केंद्र सरकार व पंजाब सरकार की समूचे केंद्रीय ट्रेड यूनियन दो सितंबर क
जागरण संवाददाता, होशियारपुर
केंद्र सरकार व पंजाब सरकार की समूचे केंद्रीय ट्रेड यूनियन दो सितंबर को अपनी तेरह मांगों को राष्ट्रीय व्यापी हड़ताल करेगी। इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए सीटीयू पंजाब, सीटू पंजाब, पंजाब एटक, एलपीएफ, एआईपीयूसीयूसी, टीयूसीसी, बीएमएस पंजाब, इकटू पंजाब ने एडी चोटी का जोर लगा दिया है।
सीटीयू पंजाब के नेता व पंजाब निर्माण मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड गंगा प्रसाद ने बताया कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए इस हड़ताल का बिगुल बजाया गया है। एकता सबूत देते हुए सारा दिन चक्का जाम किया जाएगा। सरकारी व गैर सरकारी बसें भी नहीं चलने दी जाएंगी। बैंक, बीमा व डाकघर की सेवाएं भी ठप रहेंगी। डीसी दफ्तर के मुलाजिम भी काम नहीं करेंगे।
ये दुकानें बंद रहेंगी
परचून व्यापार, होलसेल व्यापार, मनियारी की दुकानें, के अलावा अन्य बड़े व्यापारिक संस्थान बंद रहेंगे।
यह हैं मांगें
मजदूर विरोध कानून संशोधन वापस लिए जाएं।
बीमा क्षेत्र, डिफेंस, रेल व परचून बाजार समेत सारे बड़े व्यापारिक क्षेत्रों में सीधे पूंजी निवेश पर रोक लगाई जाए।
- विभागों का निजीकरण अनिवार्य बंद हो।
-बिजली व 2003 और रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल रद्द किए जाएं।
-भूमि अधिग्रहण बिल वापस लिया जाए।
-रेगुलर काम के ऊपर आउट सोर्सिग व ठेकेदारी पर रोक लगाई जाए।
-43वीं, 44वीं व 45वीं भारतीय कृति कांफ्रेंस की सिफारिशें लागू करके आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मिल वर्करों समेत सारे स्कीम वर्करों को कम से कम कानून के दायरे में लिया जाए।
-कम से कम वेतन 15 हजार रुपए माह किए जाएं।
-सबके लिए 4000 रुपए प्रतिमाह पेंशन लाजिमी हो।
-यूनियन की रजिस्ट्रेशन 45 दिन के अंदर करने को यकीनी बनाया जाए।
-रिकार्डतोड़ कमरतोड़ महंगाई पर लगाई जाए। खुराक सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए मजबूत कदम उठाए जाएं।
-बोनस और ईपीएफ के लाभ प्राप्ति बनने के लिए तनख्वाह की हद की शर्त खत्म किया जाए। ग्रेच्युटी की रकम बढ़ाई जाए।
-कृति कानून की पालना और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी की जाए।
-ठेके पर भर्ती मजदूरों को भी रेगुलर वर्करों के बराबर तनख्वाह व सारी सहूलियतें दी जाए।
''मिड-डे मिल का काम किसी भी हालत में प्रभावित नहीं होगा। सभी स्कूलों को यह निर्देश दे दिए गए हैं। अगर किसी भी स्कूल में मिड-डे मिल के काम अड़चन आई तो उसके लिए स्कूल इंचार्ज जिम्मेदार होगा। स्कूल इंचार्ज देखे कि इसका कैसा प्रबंध करना है।
-मोहन सिंह लेहल, जिला शिक्षा अधिकारी, एलीमेंट्री स्कूल, होशियारपुर।''