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भारत की योग परंपरा को पूरे विश्व ने स्वीकारा : प्रधानाचार्य विक्रम

सर्वहितकारी विद्या मंदिर बेगोवाल के बचों अभिभावकों तथा अध्यापकों ने घर में ही परिवार सहित योग प्राणायाम करके विश्व योग दिवस मनाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 05:00 PM (IST)
भारत की योग परंपरा को पूरे विश्व ने स्वीकारा : प्रधानाचार्य विक्रम

संवाद सहयोगी, दीनानगर : सर्वहितकारी विद्या मंदिर बेगोवाल के बच्चों, अभिभावकों तथा अध्यापकों ने घर में ही परिवार सहित योग, प्राणायाम करके विश्व योग दिवस मनाया। प्रधानाचार्य विक्रम समयाल ने बताया कि योगाभ्यास का एक प्राचीन रूप भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था। उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने के लिए एक मजबूत विधि के रूप में भी माना जाता है, जो मन और शरीर को आराम देने में मदद करता है। दुनियाभर में योग का अभ्यास किया जा रहा है। विश्व के लगभग 2 अरब लोग एक सर्वेक्षण के मुताबिक योग का अभ्यास करते हैं। भारत की इस महान परंपरा को पूरे विश्व ने स्वीकार किया।

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