श्रमिकों से टेस्टिंग के नाम पर की जा रही लूट
करीब डेढ़ साल से कोरोना महामारी ने आबादी के हर वर्ग को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है।
संवाद सहयोगी, कलानौर : करीब डेढ़ साल से कोरोना महामारी ने आबादी के हर वर्ग को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है। इसका खुलासा करते हुए रविवार को यहां दुबई जा रहे मंगलजीत सिंह, मंजीत, राजेश कुमार आदि ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण समाज का हर वर्ग पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। मजदूरों को दुबई जाने से पहले कोरोना टेस्ट कराने में काफी दिक्कत हो रही है।
उन्होंने कहा कि दुबई से टिकट मंगवाने पर मंजूरी लेने के लिए पीसीआर कोरोना टेस्ट किया जाता है। इसके बाद गुरु राम दास एयरपोर्ट अमृतसर ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि दुबई जाने वाले यात्रियों का श्री गुरु राम दास अस्पताल या भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से पीसीआर टेस्ट कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण को करवाने के लिए उन्हें श्री गुरु राम दास अस्पताल में लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। पीसीआर जांच के लिए 700 रुपये और निजी अनुमोदित प्रयोगशालाओं से परीक्षण के लिए 1500 रुपये चार्ज करने पड़ते हैं और इस परीक्षण की रिपोर्ट 48 घंटे के लिए वैध है। हालांकि एयरपोर्ट पर आने के कुछ घंटों के बाद एयरपोर्ट पर बिशन पैथ लैब से भी टेस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुबई जाने वाले श्रमिकों को हवाई अड्डे पर निजी लैब द्वारा लूटा जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने मांग की कि एयरपोर्ट पर रैपिड टेस्ट के लिए दुबई जाने वाले मजदूरों की लूट तत्काल रोकी जाए। उधर, लैब के रिसेप्शनिस्ट ने कहा कि उनके पास आधुनिक मशीनें हैं, जिससे रैपिड टेस्ट का खर्चा ज्यादा आता है।