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रोज 150 के बन रहे हैवी लाइसेंस, आवेदन करने वाले हजारों में

राज्य परिवहन विभाग की घटिया कारगुजारी से पंजाब के विभिन्न जिलों में हैवी लाइसेंस बनाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 10:20 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 10:20 PM (IST)
रोज 150 के बन रहे हैवी लाइसेंस, आवेदन करने वाले हजारों में
रोज 150 के बन रहे हैवी लाइसेंस, आवेदन करने वाले हजारों में

बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर

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राज्य परिवहन विभाग की घटिया कारगुजारी से पंजाब के विभिन्न जिलों में हैवी लाइसेंस बनाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग की ओर से रोजाना 150 ही हैवी लाइसेंस बनाए जाते हैं। इनमें 50 आनलाइन और 100 आफलाइन शामिल हैं। जबकि आवेदन करने वालों की संख्या हजारों में है। आफलाइन लाइसेंस बनाने के लिए सीधा मुक्तसर के माहुआना जाना होता है। वहां लोगों को रुककर अपने नंबर का इंतजार करना होता है।

परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के आदेश के मुताबिक हैवी लाइसेंस बनाने के लिए आनलाइन 50 स्लाट दिए जाते हैं। आनलाइन बुकिग करने के लिए आवेदनकर्ता काफी संख्या में होने से दो मिनट में ही हैवी लाइसेंस संबंधी बुकिग हो जाती है। माहूआना मुक्तसर में ट्रेनिग इंस्टीट्यूट के संचालक सुखदेव सिंह का कहना है कि आने वाले दिनों में आनलाइन सलाट बढ़ाने संबंधी प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही विभाग इस पर काम करेगा। दस सवालों में से छह का जवाब देना जरूरी

हैवी लाइसेंस की आनलाइन प्रक्रिया के दौरान ट्रैफिक साइन को लेकर आवेदनकर्ता से दस सवाल किए जाते हैं। इन सवालों में अगर कोई छह सवालों का जवाब सही देता है तो उसे सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है। हालांकि आनलाइन कक्षा पहले दिन दो घंटे, दूसरे दिन एक घंटे के लिए लगानी अनिवार्य है। एजेंटों के चक्कर में लुट रहे लोग

हैवी लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को दलालों के माध्यम से अपना काम करवाना पड़ रहा है। आनलाइन आवेदन से लेकर पूरी प्रक्रिया संबंधी आम जनता को जागरूकता की कमी होने के कारण लोग दलालों के माध्यम से अपने सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। जहां फीस 430 रुपये है वहां लोगों को तीन-तीन हजार रुपये देने पड़ रहे हैं। कुछ दलालों ने मुक्तसर के माऊआना तक अपना जाल बिछा रखा है, जो लोगों को एक ही दिन में सर्टिफिकेट मुहैया करवा रहे है। बता दें कि जब से आनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है तब से निजी कंपनी से संबंधित कर्मचारी भी कठिन प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए खुद एजेंटी में जुटे हुए है। लोगों को कई माह से लाइसेंस का इंतजार

आनलाइन व आफलाइन हैवी लाइसेंस के सर्टिफिकेट का इंतजार कर रहे गांव दबुड़ी के हरजिदर सिंह, औजला से बलप्रीत, कमलेश सिंह आदि लोगों ने बताया कि तीन माह से वे हैवी लाइसेस के लिए परेशान हो रहे हैं। भले ही विभाग भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सारा काम कंप्यूटर पर कर रहा है, लेकिन यह तकनीक आम जनता के लिए दिक्कत भरी साबित हो रही है। यहां तक विभाग ने आनलाइन लाइसेंसों, रजिस्ट्रेशन व टैक्स संबंधी कार्यालय में हेल्प डेस्क तक निर्माण तक नहीं किए गए। कोट्स

आनलाइन लाइसेंस जारी करने का स्लाट बढ़ाया जाएगा। लोगों की परेशानी को खत्म करने के मकसद से ट्रेनिंग सेंटर को शुरू किया जा चुका है। हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक लोगों की आनलाइन क्लास लगेगी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद संबंधित व्यक्ति को आनलाइन ही सर्टिफिकेट जारी होगा। यह सुविधा कोविड 19 के चलते पब्लिक के लिए रखी गई है।

-डा. अमरपाल सिंह, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर।


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