कोर्ट में याचिकाएं दायर कर कहा-टूटी सड़कों के लिए अधिकारी जिम्मेदार, कार्रवाई हो
शहर की टूटी सड़कों को लेकर तीन लोगों ने वीरवार को यहां की अदालत में याचिका दायर की है।
विनय कोछड़, बटाला
शहर की टूटी सड़कों को लेकर तीन लोगों ने वीरवार को यहां की अदालत में याचिका दायर की है। नगर कौंसिल के ईओ, प्रधान, पब्लिक हेल्थ एसडीओ, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) एसडीओ, पंजाब मंडी बोर्ड के खिलाफ याचिका दायर की गई। अदालत इस पर सोमवार को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता हरप्रीत सिंह, सुखदेव सिंह दोनों निवासी सुंदर नगर, गुरप्रीत सिंह निवासी अलीवाल ने अपनी याचिका में कहा कि शहर की टूटी सड़कों के लिए ये लोग जिम्मेदार हैं।
550वें श्री गुरु नानक देव जी के पर्व को लेकर केंद्र तथा पंजाब की तरफ से बटाला शहर की नुहार बदलने करोड़ों का फंड रिलीज किया गया। उसके बावजूद शहर की सड़कें टूटी हैं। लोगों के टैक्स से इकट्ठा हुआ पैसा सड़कों के डवलपमेंट के लिए जारी किया गया था वे पैसे कहां गए? उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्र में सड़कें टूटी हैं वहां पर अनगिणत शिक्षण संस्थान हैं। वहां पर कई बच्चे स्कूल जाते वक्त गिर जाते हैं। वे कई बार चोटिल हुए। इतना कुछ होने के बावजूद इन विभाग के लोगों ने सड़क के निर्माण के बारे कुछ नहीं सोचा। केवल खानापूर्ति के लिए सड़कों पर पैचवर्क करवा दिया। नतीजन वहां पर सड़कें टूट गई। याचिका में जिक्र किया गया कि इन विभाग से स्थानीय लोगों ने सड़कों की समस्या को लेकर कई शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। विभाग ने उसे प्रत्येक बार नजरअंदाज किया। याचिकाकर्ता ने सड़कों से लोगों को होने वाले नुकसान के लिए उक्त लोगों को जिम्मेदार ठहराया। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से इन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। फिलहाल याचिकाकर्ताओं के वकील सतबीर सिंह की दलील सुनने के बाद अदालत ने सोमवार को सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर की है। घटिया मटीरियल पर सवाल
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में सवाल किया कि विभाग के अधिकारियों द्वारा पुरानी सड़कों में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया। इस वजह से वे सड़कें जल्द टूट गई। हैरानी की बात है कि उसके बाद पैचवर्क का कार्य हुआ। वे काम भी अधिक देर तक नहीं टिक पाया। वहां से सड़कें उखड़ने शुरू हो गई। इतना कुछ होने के बावजूद विभाग के अधिकारियों ने कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके लिए दोनों की बराबर की गलती सामने आई है। सड़कों का निर्माण क्यों नहीं हुआ शुरू
याचिकाकर्ताओं ने अपनी अपील में जाहिर किया कि क्यों नहीं विभाग ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए टूटी सड़कों पर निर्माण कार्य का काम शुरू नहीं किया। टूटी सड़कों की वजह से जितने सड़क हादसे हुए इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अपनी अपील में सख्त कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया है। टूटी सड़कों का विवरण
याचिकाकर्ताओं ने न्यू कोर्ट कांप्लेक्स से विशाल मेगामार्ट, बस स्टैंड से अमरपुरा, हंसली पुल से बटाला रोड, जालंधर रोड से सर्कुलर रोड, खजूरी गेट से बेरिग कॉलेज, डीएवी कॉलेज से डीएवी स्कूल, गुरदासपुर बाईपास रोड, जीटी रोड, शास्त्री नगर, धर्मपुरा कॉलोनी, अर्बन एस्टेट, ग्रेटर कैलाश, कंध साहिब रोड, डेरा बाबा नानक रोड पूरी तरह टूटे पड़े हैं। यहां के रोड्स की हालत काफी खस्ता हैं। इन रोड्स पर लोगों तथा वाहन चालकों का गुजरना काफी मुश्किल हो जाता है। प्रतिदिन कोई न कोई सड़क हादसा टूटी सड़कों की वजह से होता है। खासकर स्कूली बच्चें काफी परेशान हैं। टूटी सड़कों में गिरने से अब तक कई विद्यार्थी घायल हो चुके हैं। सैकड़ों मौत का जिक्र
याचिकाकर्ताओं ने अपनी अपनी याचिका में टूटी-फूटी सड़कों से सैकड़ों लोगों की मौत का विवरण किया। उन्होंने कहा कि सड़कों का शहर में बुरा हाल है। वहां से गुजरना असंभव हो चुका है। अब तक सैकड़ों लोग टूटी सड़कों की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।