नम आंखों से शहीद मनिंदर को किया नमन
दस दिन पहले दुनिया के सबसे दुर्गम युद्धक्षेत्र जम्मू कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर में अपने साथी सैनिक को बचाते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की तीन पंजाब रेजीमेंट के शहीद नायक मनिदर सिंह की अंतिम अरदास तथा श्रद्धांजलि समारोह कस्बा फतेहगढ़ चूड़ियां में उनके निवास स्थान पर आयोजित किया गया।
संवाद सूत्र, फतेहगढ़ चूड़ियां : दस दिन पहले दुनिया के सबसे दुर्गम युद्धक्षेत्र जम्मू कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर में अपने साथी सैनिक को बचाते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की तीन पंजाब रेजीमेंट के शहीद नायक मनिदर सिंह की अंतिम अरदास तथा श्रद्धांजलि समारोह कस्बा फतेहगढ़ चूड़ियां में उनके निवास स्थान पर आयोजित किया गया। सबसे पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ साहिब के भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमई कीर्तन कर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस मौके पर कैबेनिट मंत्री तृप्त रजिद्र सिंह बाजवा, शहीद की पत्नी अकविदर कौर, पांच वर्षीय बेटा एकमजोत सिंह, भाई गुरविद्र सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविद्र सिंह विक्की, एसडीएम बटाला बलविदर सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कर्नल सतबीर सिंह वड़ैच, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्कर के पिता कैप्टन जोगिदर सिंह, शहीद सिपाही जतिदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद लांस नायक संदीप सिंह शौर्य चक्कर के भाई मनदीप सिंह, शहीद इंसपेक्टर जगजीत सिंह के भाई दलजीत सिंह, शहीद सिपाही राजिद्र सिंह की माता पलविदर कौर, पत्नी रंजीत कौर, शहीद सिपाही रणधीर सिंह के पिता सुखविदर सिंह, शहीद सिपाही मनदीप सिंह की माता भजन कौर ने विशोष तौर पर उपस्थित होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए कैबेनिट मंत्री तृप्त राजिद्र सिंह बाजवा ने कहा कि मौत एक अटल सचाई है। मगर समाज सेवा, परउपकार व देशहित में प्राणों की आहुति देने वाले मरते नहीं, अमर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि शहीद मनिदर सिंह जैसे बहादुर सैनिकों के बलिदानों के सदके ही आज देश वासी अमन व चैन की नींद लें रहे हैं। इन शहीदों की शहादत को पैसे के पैमाने से नहीं तोला जा सकता। मगर उनके परिवारों को उचित मान सम्मान देकर हम इनके लाडलों की शहादत की गरिमा को कायम रख रख सकतें हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार शहीद परिवारों के मान सम्मान को कायम रखने के लिए वचनबद्ध है। बाजवा ने पंजाब सरकार की ओर से शहीद की पत्नी अकविदर कौर को पांच लाख रुपए की राशि का चेक भेंट करते हुए कहा कि सरकार की ओर से शहीद की पत्नी को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी तथा शहीद मनिदर सिंह की याद को ताजा रखने के लिए कस्बा फतेहगढ़ चूड़ियां में एक यादगार गेट भी बनाया जाएगा। ताकि युवा पीढ़ी उनकी शहादत से प्रेरणा ले सके।
शहीद की यूनिट तीन पंजाब रेजिमेंट के सूबेदार जतिदर सिंह ने कहा कि उनकी यूनिट को शहीद मनिदर सिंह की शहादत पर गर्व है तथा हमारे जवान उनके बलिदान से हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। इस अवसर पर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद की ओर से शहीद की पत्नी अकविदर कौर, बेटा एकमजोत सिंह, भाई गुरविद्र सिंह को दौशाला व सन्मान चिन्ह भेंट कर सन्मानित किया गया। इस अवसर पर शहीद परिवारों के अलावा फतेहगढ़ चूड़ियां की जीओजी टीम के सदस्य, शहीद की यूनिट के हवलदार इकबाल सिंह, सुरजीत सिंह पटवारी, कुलविदर सिंह लाली, सतनाम सिंह गिल, पार्षद मनदीप कौर गिल, सुरेश बब्लू, रणजोध सिंह दिओ अन्य उपस्थित थे। पिता की शहादत की गौरवमयी परंपरा को मनिदर ने रखा बरकरार : कुंवर विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविद्र विक्की ने कहा कि शहीद मनिदर को देश भक्ति की प्रेरणा पारिवारिक संस्कारों से मिली। उनके पिता नायक सुखदेव सिंह नौ पंजाब रेजीमेंट में तैनात थे और 1992 में वे भी देश की एकता व अखंडता को बरकरार रखते हुए अपना बलिदान दे गए। मनिदर ने भी अपने पिता के पदचिह्नों पे चलते हुए अपना बलिदान देकर परिवार की शहादत की गौरवमयी परंपरा को बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि उनकी परिषद इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है तथा हम सरकार से अपील करते हैं कि शहीद के सम्मान में किए गए वायदों को शीघ्र पूरा किया जाए।