आतंकी हमला : जहां भी पहुंचे आतंकी, की ताबड़तोड़ फायरिंग
दीनापुर थाने के सबसे पहले आतंकियों का हमला झेलने वाले मुंशी रामपाल ने घटना के बारे में जो कुछ सुनाया उसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वह सुबह साढ़े पांच बजे संतरी राजिंदर कुमार थाना दीनानगर में डयूटी कर रहा था।
गुरदासपुर [नितिन धीमान]। सुबह के साढ़े पांच बजे थे। मैं और संतरी राजिंदर कुमार थाना दीनानगर में डयूटी कर रहे थे। अचानक एक कार थाने के बाहर आकर रुकी। चार हथियारबंद लोग बाहर निकले। ये लोग सेना की वर्दी में थे। इन्होंने एकदम से फायरिंग शुरू कर दी। थाने की दीवारों पर ताबड़तोड़ गोलियां दागने लगे। हम समझ चुके थे कि ये छोटे-मोटे गुंडे नहीं है, हम पर आतंकी हमला हुआ है। यह जानकारी अस्पताल में भर्ती दीनानगर थाने के मुंशी रामपाल ने दी।
रामपाल ने कहा, मैंने और राजिंदर सिंह ने मोर्चा संभाल लिया। अपनी राइफल से हमलावरों पर जवाबी फायरिंग की। आतंकी के पास एके-47 थीं। वे लगातार गोलियां चलाते हुए आगे बढ़ रहे थे। मैंने थाने का दरवाजा बंद कर दिया। आतंकियों ने दरवाजे पर गोलियों की बौछार कर दी। इसी दौरान आतंकियों की गोली से खिड़की का शीशा टूट गया। एक गोली मेरी जांघ पर लगी।
अमृतसर के अस्पताल में भर्ती मुंशी रामपाल।
उसने बताया, जख्मी होने के बावजूद मैं और संतरी राजिंदर सिंह थाने की छत पर चढ़ गए और वहीं से आतंकियों पर जवाबी फायरिंग की। इस दौरान आतंकियों की एक गोली मेरे बाजू पर लगी। राजिंदर सिंह के कंधे, बाजू और जांघ पर गोलियां लगीं। हम दोनों जख्मी थे। गोलियां शरीर के आरपार निकल गई थीं, लेकिन तब तक मुकाबला करते रहे जब तक पुलिस बल नहीं पहुंचा।
संतरी राजिंदर कुमार का हाल जानते पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह।
रामपाल व संतरी राजिंदर कुमार को अमृतसर के गुरुनानक देव अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में दाखिल करवाया गया है। रामपाल ने बताया, लगभग पंद्रह मिनट तक आतंकी थाने पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाते रहे। उनसे मुकाबला करते-करते हम थक चुके थे। हिम्मत जुटाकर इस घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। लगभग पौने छह बजे थाने में पुलिस बल पहुंच गया। मुझे और संतरी को अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
इनका इलाज कर रहे डॉ. प्रताप सिंह वेरका ने बताया कि रामपाल सिंह की जांघ में गोलियां लगी है। उसे फैक्चर हुआ है। राजिंदर कुमार के कंधे और जांघ से गोलियां आर-पार निकल गई हैं। राजपाल व राजिंदर की एक-एक सर्जरी की गई है। शरीर में कोई गोली तो फंसी तो नहीं रह गई, इसका पता लगाने के लिए सीटी स्कैन, एक्सरे व एमआरआई करवाई जा रही है। फिलहाल दोनों की हालत धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
इसी कार को छीनकर आतंकी हमला करने पहुंचे।
बस ड्राइवर ने दिखाई बहादुरी
घटना के प्रत्यक्षदर्शी रमन कुमार (निवासी तारागढ़ गांव माजरा) ने बताया कि वह होशियारपुर जाने के लिए नरोट जैमल सिंह ने रोडवेज की बस में सवार हुआ था। यह बस यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी। सुबह पांच बजे मारुति कार से कुछ लोग नीचे उतरे। इन लोगों ने आधुनिक हथियारों से बस पर फायरिंग शुरू कर दी। एकदम गोलियां चलने के कारण यात्री दहशत में आ गए। बचने के लिए लोग नीचे झुके।
उसने बताया कि बस के ड्राइवर ने गजब की बहादुरी दिखाई। ड्राइवर खतरे को भांप चुका था, इसलिए उसने ब्रेक नहीं लगाई, बल्कि बस की रफ्तार और बढ़ा दी। एक गोली मेरे कंधे पर लगी और दूसरी हाथ पर। इसी बस में सवार सतीश कुमार निवासी काजीचक्क के पैर पर गोली लगी। इन दोनों घायलों को गुरुनानक देव अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
गोल लगी लगी तो मृत समझ आगे निकल गए आतंकी : तरुण
दीनानगर के एसएसएम कॉलेज में पढऩे वाला 15 वर्षीय तरुण लंग्होत्रा ने बताया कि सोमवार को कॉलेज में रेसलिंग कंपीटीशन था। मैं सुबह पांच बजे घर से निकला। साइकिल पर सवार होकर वह कॉलेज जा रहा था कि थाना दीनानगर के नजदीक कार सवारों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
उसने बताया, गोलियों की आवाज सुनकर मैंने साइकिल की गति और बढ़ा दी। इसी दौरान एक गोली मेरे दाएं कंधे पर लगी और मैं साइकिल से नीचे गिर पड़ा। मुझे मृत समझकर आतंकी वहां से निकल गए। मैं उठा और साइकिल उठाकर कॉलेज पहुंचा। कॉलेज कोच आकाश ने मुझे गुरदासपुर के अस्पताल में दाखिल करवाया और फिर मुझे अमृतसर के गुरुनानक देव अस्पताल लाया गया।
इंस्पेक्टर बलबीर सिंह के पेट से निकाली गोली
स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल के इंस्पेक्टर बलबीर सिंह भी आतंकियों की गोली से घायल हुए। बलबीर सिंह के पेट में गोली लगी। दोपहर लगभग डेढ़ बजे उन्हें अमृतसर के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद गोली निकाल दी है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
गुरदासपुर से घायलों को लेकर आईं नवजोत कौर
इस घटना के बाद मुख्य संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर सिद्धू सुबह सवा दस बजे गुरदासपुर पहुंच गई। आतंकी हमले में घायल हुए सतीश और रमन को उन्होंने अपनी गाड़ी में गुरुनानक देव अस्पताल में पहुंचाया। डॉ. सिद्धू ने कहा कि यह घटना देश की अस्मिता पर हमला है।