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शिक्षकों ने उठाई पे कमिशन की रिपोर्ट लागू करने की मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पढ़ाने वाले एडिड स्कूलों के अध्यापक स्वयं ही अपने विद्यार्थी रहे पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री चन्नी से बहुत निराश हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 06:45 PM (IST)
शिक्षकों ने उठाई पे कमिशन की रिपोर्ट लागू करने की मांग

संवाद सहयोगी, कादियां :

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पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पढ़ाने वाले एडिड स्कूलों के अध्यापक स्वयं ही अपने विद्यार्थी रहे पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री चन्नी से बहुत निराश हो गए हैं। मुख्यमंत्री उनके लिए न तो छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू ही कर रहे हैं और ना ही उनकी यूनियन को मीटिग का समय दे रहे हैं। जिस कारण पंजाब राज्य सहायता प्राप्त अध्यापक और अन्य कर्मचारी यूनियन ने मुख्यमंत्री की ओर से उनकी कोई भी सुनवाई ना किए जाने के प्रति रोष व्यक्त करने के लिए संघर्ष प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इसलिए यूनियन ने सरकार को दो दिनों का अल्टीमेटम दे दिया है।

गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जिस स्कूल से पड़े हैं, उस स्कूल के अध्यापक स्वयं ही अपने शिष्य से बहुत नाराज और निराश हैं। मुख्यमंत्री चन्नी स्वयं खरड़ के खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं, जोकि एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल है। मुख्यमंत्री ने इन एडिड स्कूलों पर पे कमिशन लागू तो क्या करना था, इन स्कूलों के अध्यापकों को इस संबंध में मिलने का समय तक नहीं दे रहे।

इस सम्बंध में पंजाब स्टेट एडिड स्कूल टीचर्स एंड अन्य कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय संरक्षक गुरचरण सिंह चाहल, प्रांतीय अध्यक्ष एन एन सैनी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री द्वारा दो दिनों के भीतर मीटिग का समय ना दिया गया तो एडिड स्कूलों के सभी अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों पर पे कमिशन लागू करवाने के लिए मुख्यमंत्री के हल्के में संघर्ष किया जाएगा। यूनियन के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि पंजाब की सभी पिछली सरकारों ने एडिड स्कूलों के कर्मचारियों पर सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों की तरह ही पे कमिशन को लागू किया है, मगर यह बहुत हैरानी की बात है कि वर्तमान मुख्यमंत्री जो कि स्वयं भी इन्हीं एडिड स्कूलों में पढ़े हैं, ने अपने ही गुरुओं के साथ सौतेला व्यवहार अपनाया हुआ है। यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर इस समस्या का हल ना निकाला मुख्यमंत्री के निवास के बाहर मरणव्रत पर बैठेंगे। इस आंदोलन के सभी परिणामों की जिम्मेदारी राज्य सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री की स्वयं की होगी। इस अवसर पर राज्य इकाई के महासचिव अश्वनी कुमार शर्मा, रणजीत सिंह आनंदपुर साहिब, हरदीप सिंह ढींडसा रोपड़, •िाला प्रधान अमरजीत सिंह भुल्लर, दलजीत सिंह खालसा खरड़, प्रिसिपल गिल्ल, यादविदर कुमार कुराली, शरणजीत सिंह, गुरमीत सिंह लुधियाना, रूपिदर होशियारपुर, राजकुमार मिश्रा, अजय चौहान अमृतसर, रिपुदमन सिंह, अंग्रेज शर्मा, हरविदर पाल, राजेश शर्मा, अनिल भारती पटियाला, कृष्ण कुमार फरीदकोट, परवीन कुमार बठिडा, राजेन्दर शर्मा नवांशहर, अरविद बैंस जालंधर, रुपिद्रजीत सिंह ढिल्लों, श्रीकांत बठिडा, सुशीलकुमार पठानकोट, परवीन कुमार मोगा, शम्मी खान मानसा, रविन्द्र पुरी नाभा से अश्विनी मैदान, अनीता रानी, पूजा शर्मा आदि उपस्थित थे।


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