बिना धूप बत्ती व पूजा के श्रद्धालुओं ने किया शिवरात्रि पर जलाभिषेक
ऐसा पहली हुआ है कि भक्तों ने शिवरात्रि का पर्व बिना पाठ पूजा के सिर्फ शिव को जलाभिषेक कर मनाया गया। सावन की शिवरात्रि पर कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
संस, बठिडा: ऐसा पहली हुआ है कि भक्तों ने शिवरात्रि का पर्व बिना पाठ पूजा के सिर्फ शिव को जलाभिषेक कर मनाया गया। सावन की शिवरात्रि पर कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मंदिरों में सावन की शिवरात्रि को लेकर भी उत्साह कम देखने को मिला। देखा जाए तो सभी मंदिरों में शिवरात्रि में धूमधाम देखने को नहीं मिली। शिवरात्रि होने के बावजूद मंदिरों में भगवान शिव और पार्वती के दर्शन और पूजा के लिए श्रद्धालु काफी कम संख्या में आए। कोरोना वायरस के कारण इस साल लोगों को अपने घरों में रहते हुए ही शिवरात्रि का मनाना सही समझा। इसके अलावा सावन के महीने में आयोजित की जाने वाली कांवड़ यात्रा भी इस साल नहीं हो पाई। इसके अलावा मंदिर के प्रबंधकों द्वारा आने वाले सभी श्रद्धालुओं को एक एक मंदिर के अंदर जाने की इजाजत दी। इसके लिए मंदिरों में पहले ही सर्कल बना दिए गए। एक सर्कल से श्रद्धालु आ रहे थे, वहीं दूसरे सर्कल से जा रहे थे। एक एक श्रद्धालु मंदिर में शिवलिग का जलाभिषेक करते रहे। मंदिर प्रबंधकों की तरफ से मास्क सैनिटाइजर पहले ही रख दिए गए, अगर श्रद्धालु मास्क डालकर नहीं आता था, तो उन श्रद्धालुओं को मास्क देकर जागरूक किया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस काफी तेजी से संक्रमित होता है और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में इसके फैलने का अनुमान भी ज्यादा रहता है। शिवरात्रि पर शहर के प्रसिद्ध मंदिर मैहना चौक, शिववाड़ी मंदिर, रेलवे स्टेशन पर स्थित शिव मंदिर, विशाल नगर में स्थित शिव मंदिर में लोगों द्वारा धार्मिक कार्यक्रम का कोई भी आयोजन नहीं किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारा नहीं करवाया गया।
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इस वर्ष मंदिरों में नहीं होंगे धार्मिक कार्यक्रम
इस बार मंदिर में कोई भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा श्रद्धालुओं के आने के लिए भी कई प्रकार के नियम बनाए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिग बनी रहे। मंदिर में पहले ही पंडितों के पास सैनिटाइजर रखवा दिए गए हैं, ताकि श्रद्धालु अपने हाथ साफ कर ही जाए। इसके अलावा मंदिरों में श्रद्धालुओं को मूर्ति पर हाथ लगाने की इजाजत भी नहीं दी गई। शिवरात्रि पर कई मंदिरों में श्रद्धालु तो नजर आए, लेकिन श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की पूजा अर्चना नहीं करने दी गई। श्रद्धालुओं को जलाभिषेक कर रहे थे।